शिवपुरी -हिन्तुओं के व्रत त्यौहारों के इस मौसम में उन्होंने फलाहारी व्यंजनों का ही सेवन करना होता है। ऐसे में यदि उन्होंने नए नए फलाहारी व्यंजनों का स्वाद चखने को मिल जाए तो उनका मन न केवल प्रफुल्लित हो जाता है बल्कि घर में भी उन नए व्यंजनों को बनाने का सुअवसर प्राप्त होता है।
इसी के दृष्टिगत भारत विकास परिषद शाखा वीर तात्याटोपे द्वारा संस्कृति सप्ताह के दौरान महिलाओं की फलाहारी व्यंजन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें प्रतिभागी महिलाओं द्वारा नए नए फलाहारी व्यंजनों की प्रस्तुति दी। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में मधु मित्तल, मीनू भाटिया और पूजा शिवहरे उपस्थित थी। इस मौके पर महिला संयोजक संगम अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजिका सपना पाण्डे, अर्चना जैन सहित बड़ी संख्या में महिला सदस्य, प्रतियोगी महिलाएं एवं बालिकाएं उपस्थित थीं।
वीर तात्याटोपे शाखा द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए आयोजित इस फलाहारी व्यंजन प्रतियोगिता में महिलाओं को मीठे अथवा नमकीन फलाहारी व्यंजन बनाना था। प्रतियोगी महिलाओं द्वारा प्रतियोगिता में न केवल एक से बढ़कर एक व्यंजन बनाए बल्कि उन्हें प्लेट में सजाकर सुन्दर रूप में प्रस्तुत भी किया। महिलाओं द्वारा बनाए गए व्यंजनों में नमकीन इडली, पैन केक, हलवा, बर्फी, फलाहारी चटनी, घेवर आदि व्यंजन देखते ही बनते थे। सभी प्रतियोगी महिलाओं में विजेता प्रतिभागियों को परिषद की ओर से पुरस्कृत किया गया।
इसी के दृष्टिगत भारत विकास परिषद शाखा वीर तात्याटोपे द्वारा संस्कृति सप्ताह के दौरान महिलाओं की फलाहारी व्यंजन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें प्रतिभागी महिलाओं द्वारा नए नए फलाहारी व्यंजनों की प्रस्तुति दी। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में मधु मित्तल, मीनू भाटिया और पूजा शिवहरे उपस्थित थी। इस मौके पर महिला संयोजक संगम अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजिका सपना पाण्डे, अर्चना जैन सहित बड़ी संख्या में महिला सदस्य, प्रतियोगी महिलाएं एवं बालिकाएं उपस्थित थीं।
वीर तात्याटोपे शाखा द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए आयोजित इस फलाहारी व्यंजन प्रतियोगिता में महिलाओं को मीठे अथवा नमकीन फलाहारी व्यंजन बनाना था। प्रतियोगी महिलाओं द्वारा प्रतियोगिता में न केवल एक से बढ़कर एक व्यंजन बनाए बल्कि उन्हें प्लेट में सजाकर सुन्दर रूप में प्रस्तुत भी किया। महिलाओं द्वारा बनाए गए व्यंजनों में नमकीन इडली, पैन केक, हलवा, बर्फी, फलाहारी चटनी, घेवर आदि व्यंजन देखते ही बनते थे। सभी प्रतियोगी महिलाओं में विजेता प्रतिभागियों को परिषद की ओर से पुरस्कृत किया गया।

