दिल्ली-देश आज आजादी की 73 वी वर्षगाँठ माना रहा है लेकिन कुछ राष्ट्रीय ध्वज के नियम है भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जो 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी। 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 1968' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम के एक कानून में तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। प्रधानमंत्री हर वर्ष की तरह लाल किले से इस बार भी 15 अगस्त को तिरंगा फहराएंगे। लाल किले के अलावा कल पार्टी कार्यालयों, सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थाओं और यहां तक की बहुत से घरों की छतों पर भी कल तिरंगा फहराया जाएगा। यहां जानें तिरंगे से जुड़े तथ्य:-
1. 2002 से पहले आम लोगों को सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की छूट थी। 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गया, जिसके बाद अब कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडा फहरा सकता है।
झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी, सूती, सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है।
3. अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
4. सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। झंडे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता। झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा सिवाय उन मौकों के जब सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी किए गए हों।
5. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।
6. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
7. तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना गलत है। अगर कोई शख्स कमर के नीचे तिरंगे को कपड़ा बनाकर पहनता हो तो यह भी अपमान है।
8. यदि झंडे को किसी मंच पर फहराया जाता है, तो उसे इस प्रकार लगाया जाना चाहिए कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उसके दाहिनी ओर रहे।
9. कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे को भी एकांत में सम्मान के साथ नष्ट कर दिया जाए या वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती है।
10. किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाया जा सकता।