गोटेगांव -आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ने कहा इंद्रियों के वशीभूत होकर भोग विषयो के पीछे न भागे, इस पर्याय में भोगो को त्यागकर अपना जीवन ऐसा बना लो कि आत्म तत्व की प्राप्ति हो। आर्यिका माताजी ने कहा सांसरिक बाते एक दुसरो को सुनाना, निंदा पुराण में लगना छोड़ो क्योकि ऐसा करने से दुर्गणों का सारा कचरा तुम्हारे दिमाग मे ही आएगा। इस पर विचार करो हम क्या कर रहे है।
आर्यिका संघ की उपस्तिथि मे आर्यिका माताजी ने निंदा के दोष और प्रभाव को प्रसंग के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा विचार करे आपकी क्या सोच है। किसी न किसी प्रकार से वचनों को अपने दुर्गुणों की पुष्टि मे लगे रहते हो।
जाग्रत करै चेतना
आर्यिका ने कहा अपनी सुसुप्त चेतना को जाग्रत करे। पर्युषण पर्व आ रहा है दस दिनों में अपने आप को बदलने का अवसर आ रहा है। उसका सदुपयोग करना है तभी हमारा कल्याण होगा और आत्म तत्व के रमण का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी
आर्यिका संघ की उपस्तिथि मे आर्यिका माताजी ने निंदा के दोष और प्रभाव को प्रसंग के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा विचार करे आपकी क्या सोच है। किसी न किसी प्रकार से वचनों को अपने दुर्गुणों की पुष्टि मे लगे रहते हो।
जाग्रत करै चेतना
आर्यिका ने कहा अपनी सुसुप्त चेतना को जाग्रत करे। पर्युषण पर्व आ रहा है दस दिनों में अपने आप को बदलने का अवसर आ रहा है। उसका सदुपयोग करना है तभी हमारा कल्याण होगा और आत्म तत्व के रमण का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी