भोपाल-धार्मिक आयोजनों की शृंखला में रविवार को एक और यादगार पल उस समय जुड़ गया, जब मध्य भारत का पहला उपनयन संस्कार जवाहर चौक जिनालय में हुआ। संस्कार पाने देश के कई स्थानों से आये 8 से 16 वर्ष तक की आयु के 1008 बालक उपस्थित थे। किसी बालक के साथ उसके पिता, किसी के साथ दादा-दादी आए थे। जिनालय की झलक किसी बड़े तीर्थ स्थल सी थी। बालकों के शरीर पर श्वेत वस्त्र, माथे पर मुकुट और कुछ आभूषण शोभायमान हो रहे थे। कोई बालकों को इंद्र तो कोई ज्ञानी पंडित की संज्ञा से विभूषित कर रहा था। मुनिश्री प्रसाद सागर जी, मुनिश्री शैल सागरजी , मुनिश्री निकलंक सागर जी महाराज के सान्निध्य में सभी बालकों के मस्तक पर स्वास्तिक लगाकर मंत्रोच्चार के साथ संस्कार विधि संपन्न कराई। मुनिद्वय ने सभी बच्चों को मंत्रोच्चार के साथ उपनयन संस्कार दिए। इस दौरान अंतर्जातीय विवाह न करने के लिए संकल्प भी दिलाया।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

