खुरई -प्राचीन जैन मंदिर में आयोजित त्रैलोक्य महामंडल विधान में प्रवचन देते हुए मुनिश्री निरीहसागर जी महाराज ने का कहा कि कुछ लोग बातें तो बुद्धिमानों जैसी करते हैं और व्यवहार पागलों की तरह करते हैं। उसका कारण केवल यही है कि हमने बुद्धिवाद को प्रधानता दी है। हमने तर्क को प्रधानता दी है।
उन्हाेंने कहा कि हमने जीवन के मूल संबंध को नजरअंदाज कर दिया है। जो हमारे जीवन के विकारी तत्व हैं उनको हमने प्रमुखता दी और जिससे हमारे जीवन में समरसता आती है उन्हें हमने गौण करना शुरू कर दिया है। जब तक हमारी दृष्टि वहां नहीं जाती तब तक हम अपने जीवन का कल्याण नहीं कर सकते हैं। उन्हाेंने कहा कि हमें नगाड़े की गर्जना में भी बांसुरी के मधुर सुरों को श्रवण करने की कला से पारंगत होना होगा।
इस भौतिक युग की चकाचाैंध में भी अध्यात्म के बीच अपने आत्म कल्याण के लिए बीजारोपण करने होंगे। हमें आद्र, रौद्र ध्यान पर विजय प्राप्त कर धर्म ध्यान करना होगा। हमें नमस्कार करने की सही विधि को सीखना होगा। विनय भाव के बिना धर्म ध्यान संभव नहीं।
त्रैलाेम्य महामंडल विधान में श्रद्धालुओ ने अष्ट द्रव्य के अर्घ्य समर्पित किए
|प्राचीन जैन मंदिर में मुनिश्री अभयसागर जीमहाराज, मुनिश्री प्रभातसागर जी, मुनिश्री निरीहसागर जीमहाराज के सानिध्य एवं ब्रह्मचारी मनोज भैया जबलपुर के मार्गदर्शन एवं ब्रह्मचारी नितिन भैया के विशिष्ट आतिथ्य में शनिवार को त्रैलाेम्य महामंडल विधान में पूजन संपन्न हुईं।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
उन्हाेंने कहा कि हमने जीवन के मूल संबंध को नजरअंदाज कर दिया है। जो हमारे जीवन के विकारी तत्व हैं उनको हमने प्रमुखता दी और जिससे हमारे जीवन में समरसता आती है उन्हें हमने गौण करना शुरू कर दिया है। जब तक हमारी दृष्टि वहां नहीं जाती तब तक हम अपने जीवन का कल्याण नहीं कर सकते हैं। उन्हाेंने कहा कि हमें नगाड़े की गर्जना में भी बांसुरी के मधुर सुरों को श्रवण करने की कला से पारंगत होना होगा।
इस भौतिक युग की चकाचाैंध में भी अध्यात्म के बीच अपने आत्म कल्याण के लिए बीजारोपण करने होंगे। हमें आद्र, रौद्र ध्यान पर विजय प्राप्त कर धर्म ध्यान करना होगा। हमें नमस्कार करने की सही विधि को सीखना होगा। विनय भाव के बिना धर्म ध्यान संभव नहीं।
त्रैलाेम्य महामंडल विधान में श्रद्धालुओ ने अष्ट द्रव्य के अर्घ्य समर्पित किए
|प्राचीन जैन मंदिर में मुनिश्री अभयसागर जीमहाराज, मुनिश्री प्रभातसागर जी, मुनिश्री निरीहसागर जीमहाराज के सानिध्य एवं ब्रह्मचारी मनोज भैया जबलपुर के मार्गदर्शन एवं ब्रह्मचारी नितिन भैया के विशिष्ट आतिथ्य में शनिवार को त्रैलाेम्य महामंडल विधान में पूजन संपन्न हुईं।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

