हथकरघे के बढ़ते उपयोग से आगामी समय में बुंदेलखंड की नगरी महेश्वर एवं चंदेरी की श्रेणी में आ जाएगी : डाॅ. जैन



सागर-माल गोदाम रोड तिलकगंज में विचार संस्था द्वारा स्थापित हथकरघा निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ हुअा। मुख्य अतिथि डॉ. आशा रानी मलैया ने कहा कि हथकरघा वस्त्र पर्यावरण को बहुत सुरक्षा प्रदान करते हैं। इनमें प्रदूषण की संभावना बहुत कम होती है व वस्त्र पूर्ण सात्विक होते हैं और सभी को इन वस्तुओं को उपयोग करना चाहिए। अध्यक्षता सरोज रानी जी मलैया ने की।
संस्थापक अध्यक्ष कपिल मलैया ने बताया कि संस्था 125 समन्वयकों के साथ मिलकर 12500 परिवारों पर समाज विकास का कार्य कर रही है। हथकरघा पर प्रत्येक बुनकर को 75 दिन का समय देना है। जिसके बाद रोजगार की गारंटी भी दी जा रही है। सेंट्रल बैंक के रीजनल मैनेजर एसके सिन्हा ने कहा कि हमारा सेंट्रल बैंक ऐसे प्रशिक्षित बुनकरों के लिए 1 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन भारत सरकार की योजनाओं के तहत बिना गारंटी के उपलब्ध कराएगा। समाजसेवी कैलाश एवं बालचंद मलैया, श्रेयांश जैन ने इसे अच्छी पहल बताया। उद्घाटनकर्ता ब्रह्मचारिणी डॉ. रेखा जैन ने कहा कि हथकरघा ऐसा मिशन है जो हमें पूर्ण स्वस्थ रखता है इसमें शरीर के संपूर्ण अंग कार्य करते हैं। वर्तमान में सागर सेंट्रल जेल में 93 कैदियों को हथकरघा पर कार्य कराए जा रहा है। जिसमें विभिन्न प्रकार की जो सजा काट रहे कैदी कहते हैं दीदी आपने हमारी जिंदगी बदल दी। आगामी समय में निश्चित तौर पर बुंदेलखंड की नगरी महेश्वर एवं चंदेरी की श्रेणी में आ जाएगी। उद्घाटनकर्ता डॉ. नीलम जैन ने कहा कि हथकरघा से बने कपड़े पहनने में मन को बहुत आत्म शांति मिलती है। आभार अखिलेश समैया एवं संस्था की कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने माना। संचालन श्रेयांश जैन एवं संस्था की सचिव आकांक्षा मलैया ने किया।
       संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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