मुनि के मुख से निकले तो पाषाण भी भगवान हो जाता है : मुनिश्री सुधासागर जी



बिजौलिया-पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र में मुनि श्री सुधासागर जी महाराज  ने कहा कि संसार में हर व्यक्ति असफल हो रहा है, सारे पुरुषार्थ निष्फल हो रहे है, सब कुछ प्राप्त है किंतु जीवन में शांति नही है। जितना श्रम किया जा रहा है उतना प्रतिफल नही मिल रहा है।
मुनि श्री ने इनका समाधान करते हुए बताया कि पुरुषार्थ ऐसा करें कि उसकी वजह से कोई दुखी नहीं हो। दूसरों के मार्ग में बाधा बनने वाला मनुष्य अनन्तकाल तक सुख प्राप्त नहीं कर पाएगा। जीवन का सारा वास्तु नकारात्मक ऊर्जा पर केन्द्रित है, जीव को नकारात्मक ऊर्जा से निकलकर दुख मिटाने की साधना करनी चाहिए।
            संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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