दोपहर की बेला थी सम्पूर्ण देश विदेश की नजेरे बडवाह नगर पर टिकी थी हर कोई उत्सुक था गुरुवर किस और विहार करे लेकिन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की महिमा को भला कोन जान सकता है वह तो अनियत विहारी है सामयिक उपरांत गुरुवर ने विहार किया सभी उत्सुक थे किस और विहार करे अनेक संभावना मन मे बनी हुयी थी सभी के महेश्वर बड़वानी की और लेकिन गुरुवर ने इंदौर मार्ग को चुना जैसे ही यह हुआ मानो इंदौर और मालवा मे एक उमंग सी आ गयी और चहु और हुआ चर्चा का शोर गुरुवर का आगमन इंदौर की और
1999 मे हुआ था गुरुवर का इंदौर मे प्रथम आगमन
आचार्य भगवन का सन 1999 मे इंदौर मे प्रथम बार आगमन तब गोमटगिरी मे उनका वर्षायोग हुआ था तब इंदौर की संसद सद्स्या सुमित्रा महाजन पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के साथ उस समय के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी जी गुरुवर की आशीष लेने आये थे जिसका साक्षी इंदौर का गोमटगिरी बना था तब 2OCT 1999 को अहिंसा रैली निकाली गयी जिसमे 40000 से भी अधिक लोग मोजूद रहे मै स्वयम उस रैली मे शामिल रहा या यू कहु आचार्य गुरुवर के प्रथम बार दर्शन मुझे इंदौर मे ही हुये
पुण्य को और बलवती करो इंदौर वालों आचार्य श्री
आचार्य श्री ने सिद्धवरकूट की और विहार करते हुये एक प्रवचन मे कहा था की इंदौर वालों अभी पुण्य को बढाओ अभी पुण्य कम है लेकिन अब तो प्रतीत होने लगा है की इंदौर का पुण्य बलवती है
हम तो यही भावना भाते है मालवा व सभी प्रांतो को धन्य किया है अब तो भावना भाते है राजस्थान को भी धन्य कर दीजिए
गुरुवर के चरणों मे यह विनती है पुरजोर
चरण आपके पड़े गुरुवर राजस्थान की और
एक रिपोर्ट अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी