बड़वाह -नगर की रज उस समय पावन हो गई जब जैन जगत के प्रमुख संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने इस धरा पर अपने चरण रखे। सिद्धवरकूट से विहार के बाद ओंकारेश्वर मार्ग से होते हुए शुक्रवार सुबह मोरटक्का में आहारचर्या के बाद दोपहर 2 बजे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का अपने 31 शिष्यों के साथ नगर में पहली बार मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य श्री की अगवानी के लिए बड़वाह, सनावद सहित आसपास के क्षेत्रो से बड़ी संख्या में जैन समाजजन पहुंचे। आचार्य श्री के मंगल प्रवेश पर नगर नमोस्तु गुरुदेव, नमोस्तु गुरुदेव के जयकारो से गूंज उठा। महिलाएं, पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग आचार्य श्री के दर्शन के लिए लालायित थे।
जगह-जगह आचार्य श्री की हुई अगवानी
मंगल प्रवेश के बाद से ही आचार्य श्री की नगर में अगवानी की गई। बैंड बाजे पर धार्मिक भजनों की धुन बज रही थी। मुनि श्री का जगह-जगह पाद प्रक्षालन किया गया। समाज अध्यक्ष राजेंद्र जैन व कैलाश चंद ने बताया आचार्य महाराज के प्रवेश से नगर मुनिश्री मुनि मल्लीसागर जी महाराज व मुनि श्री दर्शीत सागर जी महाराज की जन्मस्थली पावन हो गई। आचार्य संघ नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंचा। आचार्य श्री व ससंघ ने मंदिर दर्शन किए। इसके बाद आचार्य श्री विश्राम स्थल सेवाबाई बाल विनय मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने ससंघ सहित रात्रि विश्राम किया।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी