राजनीतिक हलचल-जौरा- चुनावी साल में हर कोई विधानसभा भवन पहुंचना चाहता था फिर वो हाथी पर बैठकर या सायकिल चलाकर, कमल खिलाना चाहता था तो कोई हाथ थामकर राजनीति का सुख भोगना चाहता था लेकिन अन्ततः 2018 विधानसभा चुनाव में जौरा ने हाथ का साथ दिया ।
हाल ही में मध्यप्रदेश की जौरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक के निधन के बाद उपचुनाव होना तय है,तमाम कयासों के बीच एक कयास ये भी है कि बहुजन समाज पार्टी से जौरा के पूर्व विधायक मनीराम धाकड़ एक बार फिर मैदान में हो सकते हैं । वैसे जौरा में भाजपा को पहली बार विजयश्री मिली थी 2013 में । 2013 में सूबेदार सिंह कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी शर्मा से कुछ ही हज़ार मतों से जीत पाए और पूर्व विधायक मनीराम धाकड़ तीसरे स्थान पर रहे । लेकिन 2018 में रजौधा बनवारी से हारकर तीसरे नंबर पर रहे तो मनीराम धाकड़ दौड़ में दूसरे स्थान पर ।
अब एक बार फिर प्रत्यशी चयन किया जाएगा तो अनुमान है कि भाजपा से पूर्व विधायक सूबेदार सिंह के अलावा सुमावली से पूर्व विधायक नीटू सिकरवार टिकिट के लिए प्रयास करेंगे तो कांग्रेस स्व. विधायक के पुत्र या भतीजे पर विश्वास कर सकती है हालांकि वृन्दावन सिंह सिकरवार अपने बेटे जिला पंचायत उपाध्यक्ष गांधी के लिए प्रयास करेंगे । बसपा से एक बार फिर मनीराम ही मैदान में होंगे अब देखना है कि सीट किसके खाते में जाएगी ।

