नेनवा (बून्दी- राज)-आचार्य शांतिसागर जी महाराज के तृतीय पट्टा धीश आचार्य धर्म सागर जी महाराज की जन्म जयंती के अवसर पर उनकी जन्मस्थली ग्राम ग़ंभीरा जिला बूंदी राजस्थान में 107 वी जयंती समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया । जिसमें आसपास के लगभग 20 गांवों के लोग उपस्थित हुए सवेरे 7:30 बजे भव्य मंदिर में अतिशय कारी भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर जिन अभिषेक एवं शांति धारा की गई उसके बाद शांतिनाथ मंडल विधान का आयोजन हुआ जिसमें पूजा में बैठने वाले काफी संख्या में महिला पुरुष थे इसके बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए ध्वजारोहण किया गया । ध्वजारोहण के बाद भगवान पारसनाथ की कलश यात्रा पूरे गांव में निकाली गई। विधि विधान की मांगलिक क्रियाएं पंडित नरेन्द्र जैन नेनवा ने करवाई। जुलूस में लोगों का सैलाब सा उम्र गया देखने वाले कहते हैं कि ग्राम ग़ंभीरा में ऐसा समारोह साल में एक बार ही आता है ।अन्य धर्म के लोग अपने आप को धन्य महसूस करते हैं कि हमारे गांव का एक ऐसा संत जिसको पूरे भारत में पूजा जाता है ।कलश यात्रा के बाद शानदार प्रांगण में कार्यक्रम आयोजित हुआ पूरा प्रांगण लोगों से भर गया मंच पर आसींन गणमान्य लोगों के गणमान्य लोगों का स्वागत सम्मान किया गया ।कार्यक्रम के संचालक श्री कमलेश जी सोगानी ने महाराज के जीवन जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आचार्य धर्म सागर जी एक ऐसे संत थे जिनको सादगी अपने आप में एक मिसाल थी नाम मात्र का भी परिग्रह इनके पास नहीं था अपना जीवन सादगी भरा था। इनके संग में अनेक पिच्छीका धारी मुनिराज एवम आर्यिका माताजी का सम्मिलित थी। विगत लगभग 40 सालों से ग्राम ग़ंभीरा में उनका जन्म दिवस मनाया जाता है ।बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वात्सल्य भोज का आयोजन किया जाता है इस कार्यक्रम को भव्य बनाने में श्री कमलेश जी सोगानी श्री कमल कुमार जी मारवाड़ा और अध्यक्ष सूरजमल जी माल का विशेष योगदान रहता है आचार्य धर्म सागर जी महाराज की जन्म स्थली एवं उनके घर को घर पर चरण छत्री बी बनाई गई है जहां लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां पर आने वालों का दुख दर्द मिट जाता है श्री नवीन कुमार जी टोंक निवासी समर्पित भाव से इस कार्यक्रम के लिए काम करते हैं जो लोग इससे जुड़े हुए हैं वह अपने आप को धन्य समझते हैं इस क्षेत्र के लिए आचार्य वर्धमान सागर जी ने अपना पूरा आशीर्वाद दिया है । आज इस गांव में एक ही श्रावक परिवार रहता है जो पूरी लगन और निष्ठा से मंदिर जी में अभिषेक एवं पूजा का कार्य करता है इस कार्यक्रम के लिए दूर-दूर के लोग अपना सहयोग देकर अपना जीवन धन्य धन्य समझते हैं जितनी महिमा आचार्य धर्म सागर जी महाराज की थी उतनी ही महिमा इस गांव की भी है । नैनवाँ शहर से लगभग लगभग लगभग 10 किलोमीटर है उनियारा अलीगढ़ टोंक शहीद दूर-दराज के लोग यहां पर आते रहते हैं समारोह में मंगलाचरण एवं भजनों की शानदार प्रस्तुति दी । श्री बी एल जैन पाटौदी का भी अविस्मरणीय योगदान रहा। समस्त जानकारी उन्होंने प्रदान की ।*
*संकलन :-पारस जैन " " "पार्श्वमणि" कोटा (राज)*
