देश एवम विदेश के जैन मंदिर की डिजिटल निर्देशिका एवम संरचित डेटाबेस होगा तैयार


दिल्ली-कहते है कि दिल्ली दिल वालो की ओर बॉम्बे पैसे वालो की इस कहावत को सच किया है ।*
 *देव शास्त्र गुरु के परम भक्त*  *उदारमना व्यवहारकुशल प्रभावशाली*  *श्री राम कुमार जैन संस्कारवान दया ममता ओर करुणा की मूर्ति*
*श्रीमती सरला जैन के* *सुयोग्य*     *धर्मनिष्ठ सेवाभावी  मृदुभाषी धीरज जैन ने अभी तक सम्पूर्ण भारत के 2600 जैन मंदिरों को डिजिटल निर्देशिका के लिए बेब साइड पर डाल दिया है।*उनके मन मे एक ही  भाव है कि भारत ओर विदेशों में जितने भी जैन मंदिर है सभी की एक डिजिटल निर्देशिका एवम  संरचित डेटाबेस बना कर तैयार करे।* *ताकि युगो- युगो तक कोई भी  कही भी विश्व के किसी भी कोने से  जैन धर्म  दर्शन और संस्कृति की जानकारी समझ एवम  देख सके। घीरज जैन  वर्तमान में गृह मंत्रालय, जनगणना कार्यालय में संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।  ये आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र हैं। सबसे बड़ी ओर गौरव की बात है कि*
*भारत की जनगणना 2011 के दौरान प्रदान की गई सेवा की मान्यता में उन्हें राष्ट्रपति के रजत पदक से   घीरज जी को सम्मानित किया गया।*
*उनकी पुस्तक जिसका* *शीर्षक है, "भारत में जैनियों की जनसंख्या - जनगणना 2011 से एक परिप्रेक्ष्य" में कई सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है और भारत में जैनियों से संबंधित मुद्दों पर विशेष रूप से युवा जनसंख्या में नकारात्मक वृद्धि हुई है।* *आपके साथ एक पूरी टीम इस सद कार्य के लिए लगी हुई है।*
*आपने राष्ट्रीय संवाद दाता पारस जैन"पार्श्वमणि "पत्रकार कोटा को जानकारी देते हुवे बताया कि वर्तमान में भारत और विदेशों में सभी जैन मंदिरों की डिजिटल निर्देशिका बनाने पर काम कर रहे हैं।*
वेबसाइट www.jainmandir.org *भारत में सभी जैन मंदिरों और विदेश में व्यवस्थित और संरचित डेटाबेस है। इसका उद्देश्य प्रत्येक जैन श्रावक को निकटतम जैन मंदिर, जहां भी वह है, का विवरण प्रदान करके दैनिक "जिन दर्शन" करने में सक्षम बनाना है।*
*मंदिर क्षेत्र, नाम या प्रमुख शब्दों से खोजा जा सकता है। प्रत्येक मंदिर जीपीएस निर्देशांक से जुड़ा हुआ है, जिससे Google मानचित्र का उपयोग करके दिशाओं का पता लगाना और प्राप्त करना आसान हो जाता है। तस्वीरों को इसलिए भी जोड़ा जाता है ताकि हमारी मौजूदा विरासत को भविष्य के लिए संग्रहित किया जा सके।*  *आप सभी से विन्रम आग्रह है कि* *आप अपने क्षेत्र के मंदिर की समस्त जानकारी* jain mandir. org@gmail. com
*पारस जैन " पार्श्वमणि पत्रकार*

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