बांसवाड़-प्रवचन सभा में आचार्य सुनील सागरजी महाराज ने कहा कि जन्म ऐसा लीजिए कि जग निकाल हो जाए और काम ऐसा कीजिए कि कमाल हो जाए। आचार्यश्री ने भ्रूण हत्या को महापाप बताते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी जीव को मारने का अधिकार नहीं है। जो बच्चा गर्भ में आया है, उसे जन्म लेने का पूरा अधिकार है। क्या पता वह बच्चा महावीर, स्वामी विवेकानंद, अब्दुल कलाम जैसा बन जाए। देखा जाए तो जन्म मरण ये दुख के कारण है। इसमें उत्सव करने जैसा कुछ नहीं, लेकिन यहां जन्म कल्याणक मनाया जा रहा है क्योंकि जिनका जन्म लेना भी इस संसार के लिए कल्याणकारी होना है। ये प्रभु का अंतिम जन्म होना है कि तीर्थंकर बालक के जन्म समय तीनों लोक में शांति, आनंद छा जाता है। जिन शासन बने बनाए भगवान को स्वीकार नहीं करना है। हर आत्मा अपने पुरुषार्थ से परमात्मा, भगवान बनता है। जब तक तत्व ज्ञान नहीं होगा, तब तक जन्म मरण मिलने वाला नहीं है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी