इंदौर-कभी कोई ऐसा प्रसंग मिल जाता है कि दिमाग पूरा खाली हो जाता है। जैसे दिमाग में कुछ था ही नहीं। यह भारत भूमि है, इसके लिए हमें कोई साक्ष्य देने की आवश्यकता नहीं है। हम हर बात में सोचते हैं कि किसी भी प्रकार से साक्ष्य दें। आप न्यायालय में जाएं, सर्वप्रथम आपको साक्ष्य और साक्षी चाहिए। इस आधार पर ही निर्णय होगा। जिसे आप जमानत भी बोलते हो। असली साक्षी कौन है, यह बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह बात आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने तिलक नगर में मंगलवार को प्रवचन में कही। उन्होंने कहा- विज्ञान भी ध्यान को महत्व देता है, क्योंकि ध्यान लगाकर ही वैज्ञानिक अाविष्कार करते हैं। विज्ञान को भी चाहिए कुछ आधार, वह साक्ष्य नहीं चाहता, वह अपना ध्यान चाहता है। आप लोगों के पास ध्यान की सामग्री है, लेकिन आप विज्ञान के युग में बहे जा रहे हैं। आपको सब कुछ उपलब्ध हो सकता है, आपके पास इतनी क्षमता विद्यमान है।
जो व्यक्ति इतिहास को भूल जाता है, वह भविष्य का निर्माण नहीं कर सकता
आप अपना ध्यान और दिमाग मेरी ओर कर लो, सब कुछ मिल जाएगा, मैं किस-किस को देखूं, लेकिन आप सब मेरी ओर देख सकते हैं। मेरा हाथ आप सबके लिए उठा हुआ है, जब चाहे बस ध्यान लगा लीजिए। भले रात को भी। बस आपको ध्यान लगाने की आवश्यकता है और उसके साथ आस्था भी जुड़ जाती है, फिर रास्ता भी साफ हो जाता है। हमको 8-10 दिन तो हो गए हैं इंदौर में, आगे की योजना आप जानें, हम भविष्य की चिंता नहीं करते, लेकिन जो इतिहास को भूलता है, वह भविष्य का निर्माण नहीं कर सकता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी