धर्म बचपन से शुरू करे पचपन से नही-


कोटा (राज)-परम् पूज्य आचार्यश्री 108 शिवसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्यश्री 108 सुव्रतसागर जी महाराज एवं प.पु. उपाध्याय श्री 108 ज्ञेयसागर जी महाराज आर के पुरम स्थित श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन त्रिकाल चौबीसी मंदिर में विराजमान है । उपाध्याय ज्ञेय सागर जी महाराज ने धर्म सभा मे कहा कि धर्म बचपन से शुरू करे पचपन से नही । लौकिक शिक्षा के साथ साथ बच्चों को धार्मिक शिक्षा के लिए जैन मंदिर की पाठ शाला में भेजे।  बचपन मे दिए हए सद संस्कार पचपन की दहलीज तक बने रहते है। मंदिर समिति के अध्यक्ष जिनेद्र जैन बरमुड़ा प्रचार प्रचार मंत्री पारस जैन "पार्श्वमणि"  ने बताया कि धर्म सभा के प्रारंभ में मंगल दीप प्रज्वलन शास्त्र भेट  एवम चित्र अनावरण भी किया गया । आचार्य श्री सुव्रत सागर जी महाराज ने धर्म सभा मे कहा कि दृष्टि बदले सृष्टि अपने आप बदल जाएगी। नजरे बदले नजारे बदल जाएंगे। जीवन मे जो बोते है वही पाते है। जीवन मे संयम को धारण करे।मंदिर समिति के महामंत्री राजेश जैन खटोड़ ने बताया कि सायकल आचार्य  भक्ति सांय 6:30 वैय्यावृत्ति रात्रि 8:15मिनट से होगी।धर्म सभा चन्द्रेश हरसौरा अमोलक चंद जैन रूपचंद जैन संजय जैन निर्माण विमल चन्द जैन  सोहन लाल जैन ,ललित जैन अंकित जैन ,लोकेश जैन वरमुण्डा ,मिलाप जैन ,पवन पाटौदी ,मयंक जैन ,महेन्द्र जैन  बाबुलाल जैन आदि उपस्थित थे।*
*प्रस्तुति :- पारस जैन  "पार्श्वमणि" कोटा (राज)*

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