बिजोलिया-विश्व की पहली 225 कमलों पर पद विहार करती हुई प्रतिमा और विश्व की पहली 27 फीट की पद्मासन पाषाण पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा की प्रतिष्ठा होगी। मंडप व मंडल शुद्धि कार्यक्रम हुआ। दोपहर में पात्र शुद्धि, सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंगल कलश स्थापना, शांति कलश स्थापना, अखंड दीप स्थापना हुई। शाम काे जिज्ञासा समाधान, प्रवचन, सौधर्म इंद्र सभा, धनपति कुबेर द्वारा रत्नों की वृष्टि, भेंट समर्पण, मध्य रात्रि में गर्भ कल्याणक की आंतरिक क्रियाएं हुईं। प्रत्येक चौराहे पर यात्रियों के लिए ई-रिक्शा लगाए हैं।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी
