गांव की पहचान आपसे होनी चाहिए: शुभम सागरजी

साबला-कस्बे में आचार्य सुनील सागरजी महाराज के शिष्य शुभम सागरजी महाराज, आर्यिका सुदृढ़मति माताजी ने सोमवार को स्कूली बच्चों को संस्कारवान शिक्षा प्राप्त करने की सीख दी उन्होंने स्कूली बच्चो को जीवन में सही मार्ग पर चलकर एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने के लिए प्रेरित किया।
वाटिका में मुनि ने बच्चों को बताया कि अच्छे संस्कार से जीवन सुखमय बनता है। आने वाले सात पीढ़ी में दुख नहीं आते है। उन्होंने कहा कि कामयाबी के पीछे कभी भी मत भागो अपने आप को इतना लायक बनाओं की कामयाबी आपके पीछे भागनी चाहिए। आपकी पहचान गांव से नहीं होनी चाहिए बल्कि गांव की पहचान आपसे होनी चाहिए। जीवन में आगे बढऩे के लिए कई गुणों के बारे में बताया। महावीर भगवान के संस्कार के आधार पर चलना चाहिए आदर्शो पर चलना चाहिए। मर्यादा युक्त जीवन अपनाना चाहिए। हिंसा जीवन कभी नहीं अपनाना चाहिए। मांस मदिरा का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए। शुद्ध शाकाहारी भोजन जीवन में अपनाना चाहिए। उपसरपंच जयेश सेवक, संदीप सुथार, रवि वर्मा एवं पंचायत समिति सदस्य रमेश चंद्र फफोत को सम्मानित किया। मौके पर भारी संख्या मेंमहिला-पुरुष मौजूद थे। 
             संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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