पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ जहाजपुर में जल्द खुलेगी आधुनिक व भव्य गौशाला,

जहाजपुर-कस्बे में नवनिर्मित ऐतिहासिक स्वस्तिधाम परिसर में चल रहे आठ दिवसीय श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ के सातवे दिन गुरूवार को ज्ञान कल्याणक संस्कार का आयोजन हुआ। प्रदेशभर से काफी संख्या में श्रद्धालु इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने परिवार सहित पहंुचे। इस मौके पर राजस्थान सरकार के खान व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए जहाजपुर में आधुनिक व भव्य गोशाला खोलने की घोषणा की। मंत्री प्रमोद भाया ने कहा कि गहलोत सरकार इस बात के लिए प्रयासरत है कि प्रदेश में जल्द ही नंदी गोशाला खोली जा सके। इसकी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि गोवंश में समस्त दैवीदेवताओं का वास होता है ऐसे हमारे धर्म शास्त्रों में भी उल्लेख है, लेकिन इसे विडंबना ही कह सकते है कि आज आमजन गोवंश के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ पा रहा। सरकार तो अपने स्तर पर गोवंश की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयासरत है, लेकिन बगैर जनसहयोग के किसी भी टारगेट को सौ प्रतिशत पूरा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि स्वस्तिभूषण माताजी की पहल पर आज जहाजपुर ऐतिहासिक तीर्थस्थल बन गया है यह नारीसशक्तिकरण के लिए गौरव की बात है। उन्होंने आचार्य ज्ञान सागर महाराज व आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी से बारां में भी जहाजपुर की तर्ज पर कार्य करने की प्रेरणा देने का आग्रह किया। मंत्री भाया ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं वो जीओ और जीने दो के सिद्धांत पर चलने व माता पिता व गुरूजनों के आशीर्वाद से संभव हुआ है। इस दौरान पंचकल्याणक महोत्सव समिति जहाजपुर के अध्यक्ष विनोद जैन टोरड़ी, महामंत्री ज्ञानेंद्र जैन, मनोज जैन आदिनाथ, विनोद कुमार जैन, पवन सोनी, अशोक बडजात्या, दानमल जैन आदि ने मंत्री भाया का स्वागत किया। मंच से जैन संतों से भी मंत्री भाया ने आशीर्वाद लिया। समारोह में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

*देश पहले, धर्म व समाज बाद मेंः आचार्य ज्ञान सागर महाराज*
आचार्य ज्ञान सागर महाराज ने कहा कि धर्म व समाज के नाम पर लोगों को बांटकर देश से खिलवाड़ करने वालों से सावधान रहने की जरूरत है। जीवन में सदैव देश को पहले रखे फिर समाज व धर्म को स्थान दे। अगर देश ही नहीं बचेगा तो कैसा समाज और कैसा धर्म। महाराजश्री ने कहा कि आज हर परिवार में बुजुर्गो को चाहिए कि वो संतानों को संस्कार दे। जिस परिवार में सास अपनी बहू को अपनी बेटी जैसा प्यार देती है और जो बहू अपनी सास को मां का दर्जा देकर सेवा करती है वो बहू कभी बीमार नहीं पड़ती। परिवार में भी खुशहाली रहती है ओर बच्चों मे संस्कार जागते है। आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने भी संबोधित किया।
   प्राप्त जानकारी के साथ अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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