तपकल्याण महोत्सव अद्वितीय रहा वैभव में सुख नही आचार्य ज्ञान सागर जी

जहाजपुर -स्वस्तिधाम की राजगृही नगरी मे भगवान मुनिसवृतनाथ भगवान का तपकल्याण महोत्सव मनाया गया प्रातःकालीन बेला में आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज व स्वस्तिभूषण  माताजी सानिध्य में सराक सम्मेलन आहूत हुआ वही और मध्यान बेला में तपकल्याण महोत्सव क्रिया हुयी जिसमे तीर्थकर मुनिसवृतनाथ की बारात निकाली गयी जिसमें परतवाड़ा का बेड आकषर्ण का केंद्र रहा साथ ही कथक नृत्य की प्रस्तुति सभी को मंत्रमुग्ध कर गयी इसी बेला मे आचार्य  ज्ञानसागर जी महाराज द्वारा तपकल्याण की क्रिया कर दीक्षा के संस्कार किए वैराग्य है यह शन सभी को भावुक कर गए लोकांतिक देवो द्वारा तीर्थंकर मुनिसुव्रत नाथ की पालकी उठायी इसी क्रम में आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज ने दिव्य देशना देते हुए कहा वैभव में कोई सुख नही सुख तो त्याग मे है उन्होने निर्ग्रन्थ की महिमा का महत्व बताया कहा मुनि बनकर साधना करना उन्होंने कहा हिन्दू मत मे नागा साधु होते है सूफी संत के प्रमुख भी नग्न रहकर साधना करते है उन्होने कहा परमहंस का भी उदाहरण प्रस्तुत किया उन्होने कहा जवानी में जो त्याग किया जा सकता है लेकिन बुढापे मे नही किया जा सकता उन्होंने कहा कोई तन दुखी कोई मन दुखी उन्होंने कहा मन औऱ इन्द्रिय पर नियंत्रण कोई बच्चो का खेल नही उन्होंने कहा यह भीष्म पितामह का देश है और ब्रह्मचर्य हमारी देश की पहचान है उन्होंने कहा युवा पीढ़ी तपकल्याण की बेला में मन्दिर रोज जाने का प्रण ले जो लोग मंदिर जाते है वह पूजन अभिषेक का नियम ले  
   एक रिपोर्ट अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.