जहाजपुर में मनाया गया मुनिसुव्रतनाथ भगवान का तप कल्याणक व केवलज्ञान कल्याणक मनाया गया


जहाजपुर-मनीष भैया ने प्रभु की सिर पर विराजमान कर जहाजपुर में बनी राजगृही नगरी की परिक्रमा की मार्ग में सैकड़ों भक्तों ने प्रभु को आहार देने हेतु पड़गाहन किया। राजा वृषभसेन के महल में मुनि मुनिसुव्रतनाथ का आहार हुआ। सामने बैठे हजारो भक्तों ने करतल ध्वनि से आहार दान की अनुमोदना की।
क्षेत्र बनने के बाद 300 से अधिक साधु या दर्शन हेतु आये स्वस्तिभूषण माताजी
 इस अवसर स्वस्तिभूषण माताजी ने कहा जहाजपुर क्षेत्र पर मंदिर बनने के बाद से 300 से अधिक साधु आ चुके है। 
भविष्य में भी क्षेत्र पर आने वाले साधु संतों की उत्तम व्यवस्था बनाये रखने वास्ते, उनकी सेवा आदि  के लिए एक ध्रुव फण्ड की स्थापना करने की घोषणा माताजी ने की।
त्रिलोक तीर्थ बड़ागांव के अध्यक्ष गजराज जैन भी साथियो के संग क्षेत्र पर पधारे और मुनि संघ का आशीर्वाद प्राप्त किया।
दोपहर में केवल ज्ञान उत्सव पूरी भक्ति से मनाया गया। 
इस महत्वपूर्ण अवसर पर *आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महराज  एवं मुनि संघ द्वारा प्रतिमाओं को सूर्यमंत्र दिया गया। जो पाषाण से भगवान बनने की सबसे महत्वपूर्ण क्रिया हैं।*
 केवलज्ञान पश्च्यात समस्त बुराई दूर हो जाती है आचार्य ज्ञानसागर जी

  इस अवसर पर आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने कहा कि केवल ज्ञान होने के पश्चात सम्पूर्ण बुराई दूर हो जाती हैं। उन्होंने कहा महान व्यक्ति को किसी पद की लालसा नही होती। उन्होंने कहा  स्वस्ति भूषण माताजी सरल विदुषी गुणी हैं। उनके कार्य उनकी ख्याति को निरंतर बढ़ा रहे हैं।
आचार्य श्री ने दान की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, नाम की लालसा से किया दान फल देने वाला नही होता, दान ऐसा हो कि एक हाथ से दिया दान, दूसरे हाथ को भी पता नही चलना चाहिए। दूसरे ईमानदारी से कमाया 1 रु का दान बेईमानी से कमाए 1 लाख के दान से बेहतर होता है।
उन्होंने कहा मुनिराज स्वाद के लिए नही स्वास्थ्य के लिए आहार लेते है। उनको आहार देने मात्र की अनुमोदना से महान पुण्य मिलता हैं। अपने उदबोधन के अंत मे उन्होंने कहा आत्मा की गूडविल बनाओ नाम की नही। इस संदर्भ में उन्होंने कहा देश आज भी अच्छे लोगो से चल रहा है, बुरे लोगो के कारण नही। 
एलेन इंस्टिट्यूट के निर्देशक ने किया  साष्टांग नमन
पंचकल्याणक महोत्सव में कोटा से एलेन इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर श्रीमान गोविंद माहेश्वरी जी पधारे। उन्होंने  लेटकर आर्यिका गुरु मां को साष्टांग नमस्कार किया। जिससे सभी भक्तजन बड़े प्रभावित हुए। उन्होंने गुरु मां से आशीर्वाद प्राप्त होने को अपना सौभाग्य बताया। उन्होंने  "स्वस्ति धाम दर्पण" स्मारिका एवं शुभकामना परिवार के मुखपत्र "स्वस्ति संदेश" मासिक पत्रिका का विमोचन किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री  प्रदीप जैन आदित्यज भी ललितपुर से कार्यक्रम में पधारे।
पंचकल्याणक समिति के अध्यक्ष विनोद जैन, शुभकामना परिवार के अध्यक्ष जयकुमार कोठारी, स्वस्ति कल्याण समिति के अध्यक्ष स्वराज जैन, स्वस्ति संदेश संपादक अनिल ठोरा, शीतल प्रसाद जैन, यथार्थ पाटनी, रितेश सेठी, अरविंद जैन विकास जैन, वीरेन्द्र जैन सहित समस्त कार्यकारिणी कार्यक्रम में मौजूद रही।
  संकलन  अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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