विदिशा-क्रोध के आवेश में नियंत्रण रखो क्योंकि जब आप क्रोध के आवेश में होते हो तो आपके मुख से सही वचन नहीं निकलते। व्यक्ति क्रोध में, लालच में, भय से तथा मजाक में अक्सर अविवेक पूर्ण व्यवहार करता है। आपके उस मजाक एवं अविवेकपूर्ण व्यवहार से न केवल आपसी संबंध खराब होते हैं बल्कि कभी-कभी तो सारा मजा ही किरकिरा हो जाता है। यह बात मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने सोमवार को अरिहंत विहार जैन मंदिर में प्रवचन सभा में कही।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति वैचारिक रूप से जितना समृद्ध होता है वह व्यक्ति उतना समृद्धशाली होता चला जाता है। महान व्यक्तित्व के धनी अपने नौकर चाकर से भी विनम्रता का ही व्यवहार करते हैं। श्री शीतल विहार न्यास के प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि प्रातः कालीन बेला में मुनि श्री संघ सहित अरिहंत विहार जैन मंदिर पहुंचे एवं धर्म सभा संपन्न हुई।
मंच पर मुनि श्री प्रमाण सागरजी, मुनि श्री प्रसाद सागरजी, मुनि श्री उत्तम सागरजी , मुनि श्री पुराण सागर,जी मुनि श्री शैल सागर,जी मुनिश्री निकलंक सागरजी महाराज विराजमान थे। इसके बाद नगर में 15वें जिनालय का मंगल शिलान्यास बंटी नगर चौराहा सागर पुलिया के पास हुआ। जिसे मणिधर परिवार की ओर से बनाया जा रहा है। इस अवसर पर मुनिसंघ की मंगल अगवानी सनत जैन, महेन्द्र जैन एवं गौरव जैन ने की। साथ ही मुनिसंघ ने अपना मंगल आशीर्वाद दिया। आहार चर्या अरिहंत विहार जैन मंदिर से हुई। इसके अलावा दोपहर 2 बजे शंका समाधान का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
प्रमाण सागर और अरह सागर महाराज का हुआ मंगल विहार
भावना योग के प्रणेता प्रखर वक्ता मुनि श्री प्रमाण सागर जी एवं मुनि श्री अरह सागर जी महाराज का मंगल विहार अरिहंत विहार जैन मंदिर से हुआ। मुनिद्वय विदिशा से कागपुर होते हुए गंजबासौदा पहुंचेंगे। उनका रात्रि विश्राम करारिया चौराहा हायर सेकंडरी स्कूल मे हुआ।
इसके अलावा मंगलवार को प्रातः कालीन आहार चर्या देव खजूरी गांव में होकर शंका समाधान का कार्यक्रम कागपुर में होगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी
