आचार्य ञान सागर जी महाराज की प्रेरणा से 100 कैदियाें ने नशा और मांसाहार त्यागने का लिया संकल्प

 कोटा- आचार्य ज्ञान सागर जीमहाराज साेमवार काे काेटा सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदियाें से रूबरू हुए। इस दाैरान मुनिश्री की प्रेरणा से 100 से अधिक कैदियाें ने मांसाहार और नशा त्यागने का संकल्प लिया। इस दाैरान  जुर्माना नहीं दे पाने की वजह से जेल में बंद 15 कैदियाें की जुर्माना राशि जैन समाज ने जमा करवाकर मुक्त करवाया। इस दाैरान महाराज के प्रवचन सुनकर कैदियाें की आखाें से आसू झलक पड़े।
महाराज श्री  ने कहा कि आप जरा से तैश में आकर अपराध कर देते हैं और इसकी सजा यहां भुगतनी पड़ रही है। इस दाैरान परिवार पर क्या गुजरती है। उनकी हाेली, दिवाली कैसे निकलती है। घर पर किसी मां, किसी के पिता, कैसी बेटी और किसी का बेटा याद करता है। उनके सारे त्याैहार आपके बिना अधूरे हैं। यह सुनकर सभी कैदियाें के आसू छलक पड़े। महाराज ष्री ने कहा कि जीवन में कभी गलत काम नहीं करे। हिंसक हाेने से अच्छा है कि अहिंसक रहें। क्राेध काे बस में करना सीखें। इससे एसी नाैबत नहीं आएगी कि यहां तक आना पड़े। बाकी बचे हुए जीवन मे अपने आप काे सुधारें। इससे आपकाे जल्द यहां से मुक्ति मिलेगी और घर जाने का माैका मिलेगा। परिवार के साथ रहने का अवसर मिलेगा। जीवन मे मांस, मदिरा से दूर रहें। यहीं से अपराध शुरू हाेते हैं। इसलिए इससे दूर रहना ही बेहतर है। महाराज ष्री ने कहा शुद्ध शाहाकारी भाेजन लेंगे ताे संस्कारित बने रहेंगे। महाराज की प्रेरणा से कैदियों ने अंडे मांस शराब एवं नशे का त्याग करने का संकल्प लिया। उनकी प्रेरणा से चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर समिति ने एक रेफ्रिजरेटर कैदियों के लिए भेंट दिया गया।
15 कैदियाें का जुर्माना जमा करवाकर रिहा करवाया
इस माैके पर जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल, सकल जैन समाज के महामंत्री विनाेद जैन टोरड़ी, रिद्धि सिद्धि नगर समाज के अध्यक्ष टीकम पाटनी, महामंत्री ताराचंद बड़ला, कार्य अध्यक्ष राजेंद्र गोधा, पारस बज, पारस कासलीवाल व ऋषभ कुमार गोधा उपस्थित थे।
                संकलन अभिषेक जैन  लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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