युवाओ को धर्म नही जीवन जीने की कला सिखाये पुलक सागर जी

बांसवाड़ा- आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज ने धर्म सभा को सबोधित किया और कहा धर्म शब्द बड़ा भारी है युवाओ को धर्म शब्द कहने की बजाय उनसे कहना चाहिए जीवन जीने की कला सीखे। इससे वे सहजता से धर्म को जान पाएगे। ये उदगार आचार्य गुरुवर ने शहर से 10 km दूर बोरतालाब मे एक स्कूल में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होने कहा देश संवेदनशील और नाज़ुक दौर से गुजर रहा है ऐसे दौर में सरकार को चाहिए कि जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर कानून व्यवस्था को सामान्य करे। अब देश के राजनीतिक दलों को अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए और अरजाकता का माहौल समाप्त कर सदभावना का वातावरण बने। इस दिशा मे खास तौर पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कुछ लोग निजी स्वार्थों के  कारण माहौल खराब करते है, जो जनहित और देशहित में ठीक नही है। आचार्य श्री से पूछा पहले आप मुनि के रूप मे यहां आये थे अब आचार्य बनने के बाद आ रहे है तो आपके मन मे क्या विचार आ रहे है। उन्होंने कहा बांसवाडा से जाने के बाद पूरे देश में गया, लेकिन जैसी भक्ति भावना बांसवाड़ा के श्रद्धालुओं में है वैसी और कही देखने को नही मिली। उन्होंने कहा मैं यह कह सकता हु दूर रहकर भी यहाँ के  श्रद्धालुओं से दूर नही रह पाया। 
   संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी

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