आप प्रतिभा स्थली के सेवक बने हैं, मालिक नहीं : आचार्यश्री

  इंदौर-सहज रूप से जब हम ज्ञान को पा लेते हैं उस समय अलग अनुभव रहता है। आप सभी  को अवसर प्राप्त हो गया है। सबके दिमाग में अभी तक यह था कि हम यहां के  ट्रस्टी हैं, लेकिन आप कोई ट्रस्टी नहीं सेवक हैं। आप जब शब्द के अर्थ के  ज्ञान को पहचान जाएंगे, तब आप को ज्ञात होगा कि ट्रस्टी और सेवक का क्या  अर्थ होता है।
 यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने बुधवार को सांवेर रोड स्थित रेवती रेंज में निर्मित हो रही प्रतिभा स्थली पर पहले दिन प्रवचन  में कही। उन्होंने कहा कि सब लोग भ्रम में हैं वो सब कुछ हैं। सेवक बनकर  रहने में ही आपको आनंद आएगा। आपको किसी प्रकार का अभिमान नहीं रखना है।  समर्पण से इस काम को करना है। ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया प्रतिभा  स्थली में पहले दिन आहार का लाभ प्रतिभा स्थली की दीदियों को मिला।
      संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी

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