मंडीबामोरा -चंद्रप्रभ जिनालय में अल्प प्रवास पर आए मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज, मुनिश्री अरहसागर जी महाराज का विहार बुधवार दोपहर 3 बजे मंडीबामोरा से हो गया है। जिनका आज मंगल प्रवेश शहर में होगा। विहार की गमगीन बेला में सैकड़ों श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। नगरवासी मुनि संघ को विहार कराने करीब 5 किलोमीटर दूर तक छोड़ने आए।
अशोक शाकाहार ने बताया कि मुनि संघ रात्रि विश्राम छपरेट घाट के पास गांव में करने के प्रातः कालीन बेला में गुरुवार को शहर में मंगल प्रवेश करेंगे। मंगल प्रवेश के लिए नगर वासियों ने मुनि संघ की भव्य अगवानी के लिए तैयारी की। शहर में कुछ दिनों के प्रवास के उपरांत मुनि संघ खुरई आगमन होगा।
मंडीबामोरा में भव्य मंदिर बनाने का संकल्प-मंडीबामोरा में बने अतिप्राचीन चंद्रप्रभ जिनालय को मुनिश्री प्रमाणसागर,जी मुनिश्री प्रसाद सागर,जी मुनिश्री अभयसागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य एवं मार्गदर्शन में पुनः निर्माण करने का संकल्प सकल दिगंबर जैन समाज मंडीबामोरा वालों ने लिया। समाज केेे लोगों ने भव्य जिनालय बनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष आदि ने प्रथम शिला रखने का सौभाग्य अर्जित किया। इस मौके पर सभी दानदाताओं ने मुनि संघ को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया। अभयसागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में मंदिर निर्माण कमेटी बनाई जाएगी। इसके पूर्व इंदौर में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज को मंडीबामोरा आने के लिए एवं मंदिर निर्माण की स्वीकृति के लिए नगरवासी आशीर्वाद लेने इंदौर जाएंगे।
मंदिर बनवाने एवं उसके जीर्णोद्धार करने से बड़ा पुण्य और कोई नहीं होता- मुनिश्री प्रमाण सागर जी
चंद्रप्रभ जिनालय में धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा कि मंदिर निर्माण करने से बड़ा और कोई पुण्य कार्य नहीं हो सकता। इससे हमारी भारतीय संस्कृति सुरक्षित रहती है। मंदिर किसी धर्म संप्रदाय की पहचान हुआ करती है। जब मंदिर क्षतिग्रस्त हो जाए या जीर्ण-शीर्ण अवस्था को प्राप्त हो जाए तो उसका पुनःनिर्माण एवं जीर्णोद्धार जरूरी हो जाया करता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
