पोहरी : एक सिंधियाईं ने हाथ छोड़कर अपने हाथ में कमल क्या थामा सारे भाजपाई घर पर ही लॉकडाउन का पालन करने लगे । सूबे की राजनीति में उथल पुथल मची है और ये सब कांग्रेसियों ने अपने महाराज के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए कुर्सी का त्याग क्या किया सरकार चारों खाने चित्त हो गई और कमल दल की सरकार बन गई ।
अब आने वाले समय में उपचुनाव होना है और इस उपचुनाव सूची में अपना पोहरी विधानसभा भी शामिल है, यहां भी एक सिंधियाईं ने कमल का दामन थामा तो सारे भाजपाई घर पर ही बैठकर अपने आलाकमान के आदेशों का इंतजार कर रहे हैं । सिंधियाईं से २०१८ का विधानसभा चुनाव हार चुके सौम्य स्वभाव वाले नेताजी को अब टिकिट की उम्मीद नहीं,कमल दल के एक पूर्व विधायक टिकिट के लिए ताल ठोकते रहे लेकिन न तो २०१३ में और न २०१८ में सफलता हासिल हुई,अब सिंधियाईं नेता ने बचे हुए अरमानों पर पानी फेर दिया । करीब डेढ़ दशक से ग्वालियर से पोहरी की यात्रा कर गरीब कल्याण के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाकर अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने वाली भाजपा नेत्री भी अब ग्वालियर के सरकारी बंगले में बैठी सिंधियाईं नेताजी के कारण भविष्य पर लगे प्रश्नचिन्ह के लिए सोच रही होंगी,कुछ भी हो लेकिन सिंधियाईं नेताजी ने पल में भाजपा के सारे दिग्गजों के अरमानों पर पानी फेर दिया,और वर्षों से जो राजनीतिक जोश उबाल लें रहा था उसे ठंडा कर दिया ।