चँदेरी-श्रावण मास धर्म आराधना के लिए विशेष माह है: मुनिश्री पद्मसागर जी महाराज ने कहा कि श्रावण मास को धम्र माह कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस माह में हरियाली, अमावस्या, नाग पंचमी, रक्षाबंधन पर्व एवं भगवान शिव की विशेष उपासना होती है। वहीं जैन धर्म में भी इसी माह में वर्षा योग शुरू, वीर शासन जयंती, श्री पार्श्व नाथ भगवान निर्वाण महोत्सव, मोक्ष सप्तमी, सौभाग्य दशमी व्रत एवं 700 मुनिराजों का उपसर्ग निवारण (रक्षाबंधन पर्व) आदि कई पर्व इसी माह में आते हैं। अत: श्रावण मास धर्म आराधना के लिए विशेष माह है। इस सावन के महीने में धर्म की बयार चलती रहती है। इस दौरान लोग महामारी से निबटने के लिए भी प्रार्थना कर रहे हैं।
उपसर्ग को सहन करते हुए निर्वाण प्राप्त किया मुनि श्री
23वें तीर्थंकर उपसर्ग विजेता भगवान पार्श्व नाथ जी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मुनिश्री पद्मसागर जी महाराज
के सानिध्य में मनाया गया। मुनिश्री ने कहा कि भगवान पार्श्व नाथ जी को उनके दस भवों से बैर पालने वाले कमठ के जीव ने अनेक उपसर्ग किए, लेकिन भगवान हमेशा उपसर्ग को समता भाव से सहन करते हुए उसको क्षमा करते रहे एवं निर्वाण पद प्राप्त कर जगत पूज्य हो गए। भगवान से वैर रखने के कारण कमठ के जीव को नरक के दुःख भोगना पड़े। अतः हमें कभी भी किसी से वैर भाव नहीं रखना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी
