राजनीतिक हलचल: कांग्रेस से आयातित विधायकों को कमल चिन्ह देकर भाजपा के बैनर तले चुनाव लड़ाकर भाजपा को अपनों से ही भितरघात होने की आशंका है और भारतीय जनता पार्टी किसी भी तरह इस चुनाव को जीतकर मौजुदा सरकार को बचाकर अपने चौथे कार्यकाल को पूरा करने की कोशिश में है, ऐसे में भाजपा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है I
कमल दल की डेमेज कंट्रोल टीम उप चुनाव के लिये सक्रिय है, यह टीम अभी से मैदान में आ गई है, क्योंकि आलाकमान को संदेह है कि डेमेज टीम अपना रंग जरूर दिखायेगी, इसीलिये डेमेज कंट्रोल टीम पहले से भेज दी गई है। ग्वालियर-चंबल संभाग में डेमेज कंट्रोल विशेषज्ञ को भी भेज दिया गया है।
बताया जाता है कि ग्वालियर - चम्बल अंचल की कई सीटों पर भाजपाई बगावती की तैयारी में खडे हैं। इसी कारण भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित केंद्रीय मंत्री को भी आनन-फानन में दौरा करना पडा है। इतना ही नहीं पूर्व विधायक लगातार अपने क्षेत्र के क्षत्रप भाजपाईयों के घर जाकर गिले शिकवे भुलाकर गले लगा रहे हैं I
