बांसवाड़ा-भारत गौरव आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज ने कहा इस दुनिया मे सत्य को अपमानित किया जाता है सत्य ने संघर्ष झेले है यह दुनियादारी सत्य को सहजता से नहीं स्वीकारती क्योकि सत्य अकेला खड़ा होता है झूठ के साथ पूरा गिर्रोह होता है फिर भी अंतिम विजय सत्य की होती है उन्होने कहा सत्य कड्वा होता है यह तो सत्य पर मिथ्या लांछन है सत्य तो स्वाभाविक रूप से मधुर होता है सत्य मे तो प्राकृतिक रूप से मधुर होता है मन और सोच कडवे होगे तो सच तो कडवा ही लगेगा सत्य से ज्यादा सुखद कुछ नहीं होता जब तक जानोगे नहीं बोलोगे कैसे सत्य तो अंतरंग से प्रकट होना चाहिये सत्य का साथ देने वाला परेशान तो हो सकता है लेकिन परास्त नहीं हो सकता
महाराज श्री ने कहा जहा स्वार्थ वहा असत्य जहा परमार्थ वहा सत्य होता है सत्य साधना है सत्य तपस्या है असत्य का जन्म मन मे होता है आचार्य ने कहा संभल कर रहो कभी कभी अपने लोग धोखा देते है इंसान ने जब भी धोखा खाया अपनों से ही खाया है और अंग्रेज़ो की क्या मजाल थी कि वह हमारे देश पर कब्जा करे देश को किसी दुसरे से नहीं बल्कि अपने ही कुछ गद्दारो से खतरा होता है उन्होने कहा ध्यान रखो अपने ही कभी कभी खतरा बन जाया करते है
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी
