बांसवाड़ा-आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज ने धर्मसभा को सबोधित करते हुए कहा सरलता के भावों को आर्जव कहते है दुसरो को धोखा देने वाला खुद धोखा खाता है। उन्होंने कहा कुछ लोगो की नीति तो अच्छी होती है मगर नियत खराब होती है। एक बात ध्यान रखना जिसकी नियत खराब होती है उसका नतीजा भी खराब आता है। जिसकी नियतअच्छी होती है उसका नतीजे भी अच्छा आते है आचार्य ने कहा प्रायः लोग धर्म क्षेत्र में दोहरापन अपनाते है। ऊपर से बहुत धर्म किया, भीतर क्या है उसे परखो, निरखो और अपने आप को भीतर से रूपांतरित करने का उदुम् करो यही आर्जव धर्म है
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी