योगेन्द्र जैन पोहरी-मध्यप्रदेश में उप चुनाव से पहले भारी विधुत बिल भाजपा की चिंता बढ़ा रही है लेकिन अधिकारियो के मनमानी व मीटर रीडर की हिटलर शाही के आगे नेता भी बेबस नजर आ रहे है।
हम बात पोहरी विधानसभा की कर रहे है जहाँ पर विधुत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी व प्राइवेट मीटर रीडरों का एक क्षत्र राज्य पोहरी विधानसभा में चल रहा है पोहरी में लगभग तीन माह से तो विधुत विभाग की मनमानी चरम सीमा पर है। या कांग्रेस की सरकार जाने के बाद मनमानी पर उतारू हो गए है जनता विधुत विभाग के चक्कर लगा लगाकर परेशान हो गई हैलेकिन समस्या का समाधान नही हो पा रहा है पोहरी में विधुत विभाग के अधिकारी को किसी का भय नही रह है जेब मे अपना इस्तीफा लेकर चलने वाले इन अधिकारियो का रुतबा ही अलग है जनता यदि शिकायत करने आती है तो बोलते है देख लो नही तो मेरा ट्रांसफर करवा दो क्योंकि में कही 6 माह से ज्यादा रोकता नही हूं जबकि पोहरी में तो बहुत समय हो गया है ऐसे ही हाल कर्मचारी का है लेकिन जनता की कोई सुने वाला नही है मुख्यमंत्री द्वारा हाल में ही एक आदेश जारी किया था कि अगस्त 2020 तक के बिल स्थगित कर दी गई है तो 15 सितम्बर में कहा से बिल जारी हो गए बात करे तो 8दिनों में 300 यूनिट बन गई एक दिन में 35 यूनिट बिजली जाली है
प्राइबेट मीटर रीडर की मनमानी,जेब गर्म बिल कम- पोहरी क्षेत्र में अब मीटर रीडिंग का काम प्राइवेट लोगो को दे रखा है पोहरी में कुछ लोग स्थानीय एव कुछ लोग आस पास के ग्रामीण क्षेत्र के है सबकी अच्छी पकड़ के बाद अब जो इन प्राइवेट लडको की जेब गर्म कर देता है तो उसका बिल कम आ जाता है इस पूरी सुविधा शुल्क का कुछ हिसाव पोहरी के अधिकारियो को भी जाता होगा तभी तो कई बार शिकायत के बाद भी इन प्राइबेट मीटर रीडर को अधिकरिओ ने अभय दान दे रखा है
कर्मचारी के बिल कम,जनता के साथ लूट- विधुत विभाग में अधिकारी व कर्मचारी जनता के।साथ लूट कर रहे है लेकिन अपने कर्मचारियो के बिल बहुत कम दे रहे है जबकि मीटर रीडरों के रिश्तेदार सहित खुद के बिल भी कम आ रहे है इस पर जब कोई शिकायत दर्ज करने जाता है तो सुनवाई तो नही होती लेकिन उस व्यक्ति की टारगेट बनाकर विधुत विभाग के कर्मचारि परेशान करते है
