मुरैना: जिले का सुमावली विधानसभा क्षेत्र ऐसा इकलौता क्षेत्र हैं जहां ब्राम्हण मतदाता निर्णायक भूमिका है बावजूद इसके 45 साल से इस क्षेत्र में अभी तक प्रमुख राजनैतिक दलों ने ब्राम्हण प्रत्याशी को चुनावी दंगल में नहीं उतारा है। इससे वहां के ब्राम्हण मतदाताओं में भारी असंतोष व्याप्त है। इसी पीड़ा के साथ इस बार सुमावली से कई ब्राम्हण प्रत्याशी चुनावी दंगल में उतरने को बेताब हैं। चूंकि बगावत कर भाजपा में शामिल हुए ऐंदल सिंह कंषाना का भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरना तय है इसलिए सभी दावेदारों की निगाहें कांग्रेस पर टिकी हैं।
सुमावली विधानसभा क्षेत्र जब बना था तब यहां से पहले विधायक जाहर सिंह शर्मा चुने गए थे। सन 1977 में वे जनता पार्टी के प्रत्याशी थे जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बन गई। उसके बाद भाजपा अथवा कांग्रेस ने कभी भी इस क्षेत्र से ब्राम्हण प्रत्याशी को उम्मीदवार नहीं बनाया। इसकी ब्राम्हण मतदाताओं मेंं टीस है लेकिन इस बार कांग्रेस द्वारा ब्राम्हण मतदाता को ही इस क्षेत्र से टिकिट के आसार हैं। शायद इस तरह का संकेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व ने बलवीर डंडौतिया को दे दिए हैं इसी कारण उनके वाहन हर दिन सुमावली विधानसभा क्षेत्र के गांवों मेें दमखम दिखा रहे हैं।
इस बार उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ऐंदल सिंह कंषाना के खिलाफ कांग्रेस दमदार उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारना चाहती है इसलिए उसकी नजर ब्राम्हण प्रत्याशी को तलाशने में लगी है। कांग्रेस हाईकमान की इसी मंशा से उत्साहित होकर बलवीर सिंह डंडौतिया तथा रामकुमार पाराशर चुनावी दंगल में ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें बलवीर डंडौतिया पूर्व में दिमनी से विधायक रहने के कारण चिरपरिचित नाम है और उनकी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में अच्छी-खासी पकड़ भी है। इसलिए कांग्रेस की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की ज्यादा संभावना है।
