बांसवाड़- आचार्य श्री पुलक सागरजी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते कहा खानपान से ही तुम्हारे खानदान की शुद्धि होगी तुम्हारा खानपान अशुद्ध है तो खानदान की शुद्धता का दावा कैसे कर सकते हो अपनी रसोई की पवित्रता को हर कीमत पर कायम रखे उसकी रक्षा करे उन्होने कहा कभी तुमने गोर किया तुम्हारी रसोई मे क्या क्या प्रवेश कर चुका है आलू प्याज और फास्ट फूड जैसी तामसिक चीजे और न जाने क्या क्या लगता नहीं है यह जैन की रसोई है सदियो से जैन संस्कती मे आलू प्याज को तामसिक माना जाता रहा है अब विज्ञान स्वामीनारायण संप्रदाय मे भी लहसन प्याज को वर्जित माना गया है
उन्होने कहा मुझे अपने समाज के पवित्र भोजन संस्क्रती पर गर्व है लेकिन यह भी उल्लेखित करना चाहुगा कि ऐसे कही अन्य समाज संप्रदाय भी है जिंनके अनुयायियों आलू प्याज लहसन जैसी साम्रगी का कड़ाई से और स्वेछा से निषेध है विज्ञान मान चुका है कि आलू से डायबिटीज एवम ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी होती है तो फिर क्यो कर रहे है तामसिक भोजन जैनियो की पहचान सिर्फ शुद्ध आचरण से होती है तो फिर अंडा मदिरा जैसी चीजे कहा स आ गई फिर भी अधिकांश जैन परिवार दावे के साथ कह सकते है कि उंनके घरो मे इन चीजों का कड़ाई से निषेध है उन्होने कहा तुम पाश्चात्य संस्कती की अंधी दोड मे बड़ी तेजी से भाग रहे हो इस दोड मे कही ऐसा तो नहीं है कि तुमने अप्रत्यक्ष रूप से मांसाहार को प्रवेश दे दिया है
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
