बाँसवाडा- आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज ने उदबोधन में कहा आदमी को हमेशा ऊंची सोच और विचार रखना चाहिए। अच्छाईयो को लेकर मनुष्य को संतुष्ट नही होना चाहिए, मन की प्रसन्नता सबसे बड़ी प्रसन्नता है। हर युवा नए सपने देखे और उन्हे साकार करे उदास होने की जरूरत नही है। हमारा देश उन्नति कर रहा है। उन्होंने कहा आज जमाना एडजस्टमेंट का है। बुजुर्ग अतीत मे जीता है और युवा भविष्य में। युवा परिवार में कोई बात शेयर नही करता इसीलिए परिवार मे तनाव है। वह बाहर दोस्तो मे खुशी ढूंढ रहा है। उन्होंने कहा समस्या आज की है और समाधान 50 साल पुराना है। बुजुर्ग आज भी अतीत में जीता है और युवा वर्त्तमान की जगह भविष्य में जीता है,वृद्घ पीढ़ी वर्तमान को स्वीकार करे और युवा पीढ़ी अतीत पर ध्यान दे तो व्यवस्था ठीक हो सकती है।ईमानदार मेहनत करने वाले निराश और चालबाज जुगाड़ु सफल दिखाई देते है। ऐसा हर काल में होता है। बुरे का फल हमेशा बुरा होता है और अच्छे का अच्छा बुराई का रिजल्ट कभी अच्छा नही आता। अच्छाई का रिजल्ट कभी बुरा नही आता। रावण हो या लादेन बुराई का अंत भी बुरा हुआ। सिद्धानों की हत्या कर सफलता लाएँगे तो निश्चित ही पतन की और ले जाएगी। सिद्धानों को ध्यान में रखकर आदमी सफल होता है तो उसे सफलता उचाईयो पर ले जाती है। बच्चो को संस्कार मा से मिलते है महिलाओं पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है महिलाओं को हम विश्वविद्यालय कहते है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी
