मुरैना: मध्यप्रदेश में विधानसभा की रिक्त 27 सीटों पर आगामी दिनों में होने वाले उपचुनावों को लेकर उथल-पुथल शुरू हो गई है। जिले की सुमावली सीट पर चुनावी गणित अन्य विधानसभा सीटों से अलग है I भाजपा के एक बड़े नेता अजब सिंह कुशवाहा ने कुछ दिन पूर्व कांग्रेस का हाथ थाम लिया। अजब सिंह कुशवाह 2014 तक बसपा में थे। लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुए थे। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अव कांग्रेस उन्हें सुमावली विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस सीट से भाजपा कांग्रेस छोड़ पार्टी में शामिल हुए पूर्व विधायक आए ऐंदल सिंह कंषाना को उम्मीदवार बनाएगी। कंषाना ने क्षेत्र में जनसंपर्क शुरू कर दिया है और शिवराज सरकार में पी एच ई मंत्री है ऐसे में जनमत का बढ़ना लाजमी है I
मुरैना जिले में अजब सिंह कुशवाहा भाजपा के एक बड़े नेता माने जाते थे और उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जिले की सुमावली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार ऐंदल सिंह कंषाना ने उन्हें हरा दिया था। बता दें कि ऐंदल सिंह कंषाना ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और उन्होंने बीते दिनों कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थाम लिया था। इसीलिए अभी सुमावली सीट भी खाली है। भाजपा नेता अजब सिंह कुशवाहा ने पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी I
इस सीट पर सिकरवार परिवार का दखल रहा है, यहाँ से गजराज सिंह सिकरवार विधायक रहे, इसके बाद उनके पुत्र सत्यपाल सिंह सिकरवार विधायक रहे जो कि उस समय मुरैना जिला पंचायत अध्यक्ष भी थे, 2018 के चुनाव में भाई सतीश सिकरवार को भाजपा ने ग्वालियर पूर्व से उम्मीदवार बनाया इसलिए सत्यपाल का टिकिट कट गया था, ऐंदल सिंह कंषाना अब भाजपा में शामिल हो गए हैं, हालांकि ऐंदल सिंह कंषाना दिग्गी समर्थकों में शामिल थे लेकिन सत्ता के उलट फेर में वे सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए और शिवराज सरकार ने उन्हें इसका इनाम मंत्री बनाकर दिया है, ऐसा नहीं है कि ऐंदल सिंह कंषाना ने पहली बार पार्टी बदली हो, ve पहली बार बसपा से विधायक बने लेकिन दिग्गी सरकार को समर्थन देकर उनकी सरकार में मंत्री बने थे I
