राजनीतिक: सूबे में कांग्रेस सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले सिंधियाई विधायकों ने न केवल कांग्रेस के समीकरण खराब किए हैं बल्कि भाजपा के नेताओं का राजनीतिक भविष्य चौपट कर दिया है I अगर हम पोहरी विधानसभा की बात करें तो यहाँ के दो बार के विधायक और पूर्व विधायक के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह तो लगाया ही है, वहीं जनसेवा से राजनेता बनने की बिसात बिछाने वाली नेत्री के राजनीतिक भविष्य पर तो सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गए वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया, क्योंकि अघोषित रूप से सिंधियाई पूर्व विधायक ही आगामी उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हैं और जीत का सेहरा नसीब होता है तो मंत्री पद पर रहकर फिर एक बार 2023 में भी भाजपा का झंडा थामकर भोपाल की ओर कूच करने के लिए प्रयासरत रहेंगे I राजनीति में इतना लंबा समय अंतराल किसी भी नेता के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए काफी है I
अब यही बात जनता के मन में सवाल बनकर चर्चा का बिषय बन गई है कि क्या ये तीनों पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाएंगे या चुनाव से किनारा कर लेंगे या फिर भाजपा के नए नवेले सिंधियाई को भितरघात का सामना करना पड़ेगा I
