जातिगत और परिवारिक वोट से शिशुपाल को मजबूती



पोहरी: पोहरी विधानसभा में धाकड़ समाज का मतदाता निर्णायक भूमिका में रहता है यही कारण है कि यहाँ से केवल ब्राह्मण और धाकड़ समुदाय का व्यक्ति ही विधायक बना है I मुख्य राजनीतिक दलों की बात करें तो वे धाकड़ समुदाय को मुख्य मानकर अपने प्रत्याशी का चयन करते हैं I हर बार यहाँ मुकाबला धाकड़ और ब्राह्मण उम्मीदवारों के बीच हुआ है, 2018 के आम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने धाकड़ समाज को रोचक बना दिया था, परिणाम स्वरूप किरार समाज का वोट बैंक तत्कालीन विधायक प्रहलाद भारती के पक्ष में अधिक और कांग्रेस के सुरेश राठखेड़ा को कम ही मिला, जिसका फायदा बसपा प्रत्याशी कैलाश कुशवाह को मिला और वे भाजपा प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर धकेल दूसरे स्थान पर थे I
अब एक बार फिर दोनों ही दल धाकड़ वनाम धाकड़ का मन बना चुके हैं ऐसे में यदि कांग्रेस इंजी. शिशुपाल वर्मा पर विश्वास जताती है तो धाकड़ समुदाय का वोट बैंक उनके लिए सकारात्मक परिणाम देने में अहम भूमिका निभा सकता है , इतना ही नहीं शिशुपाल का परिवार बड़ा होने के कारण उनकी परिवारिक रिश्तेदारी पोहरी विधानसभा में ही है जिसका फायदा उनको सीधे तौर पर मिल सकता है I

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