मुन्ना नहीं माने तो नेताजी थामेंगे हाथ.. ?


ग्वालियर: जिले की एक विधानसभा सीट पर कशमकस की स्थिति बनी हुई है, दरअसल इस सीट पर एक सिंधियाई नेता को लंबे अंत्राल के बाद सफलता हाथ लगी लेकिन ये खुशी 15 महीने की होकर रह गई क्योंकि मुन्ना ने कमल दल को स्वीकार लिया था, सरकार पलटने के बाद मुन्ना को उम्मीद थी कि उनके राजनीतिक गुरु उनको शिवराज सरकार में मंत्रालय दिला देंगे लेकिन एन वक़्त पर उनको निराशा हाथ लगी, उसके बाद से ही ये अटकलें लगाई जा रही थी कि मुन्ना ने चुनाव न लड़ने का मन बना लिया है और ये जानकारी सही भी है I
अभी समीकरण कुछ और ही मिल रहे हैं, जानकारी के अनुसार मुन्ना से चुनाव हारे नेताजी हर हाल में चुनाव लड़ना चाहते हैं, यदि मुन्ना भाजपा से लड़े तो नेताजी कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं, वैसे नेताजी का अपना जलवा है, वे सदैव ही जनसेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, नेताजी के पिताजी और छोटे भाई मुरैना जिले की एक विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं, छोटे भाई ने जिला पंचायत अध्यक्ष का पदभार भी संभाला था, खुद नेताजी और उनकी पत्नी ग्वालियर नगर निगम में लंबे समय से पार्षद बनते आ रहे हैं, अब नेताजी भोपाल जाने की इच्छा पाल बैठे हैं I
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