बांसवाड़ा -क्रांतिकारी सन्त आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज ने कहा संसार का कोई भी प्राणी जीवन लेकर नही आता। मात्र जन्म के साथ एक ज्योति लेकर आता है। जन्म के बाद उस ज्योति को सम्यक पुरुषार्थ के माध्यम से शाश्वत बनाया जा सकता है। प्रत्येक मानव अपने जीवन के साथ एक शक्ति लेकर आता है, जो भी उस शक्ति का सदुपयोग कर लेता है।वह जन्म मरण से ऊपर उठकर अपने परमात्मा को जाग्रत कर लेता है। जन्म और मरण का बोध मानव को होता है।
आचार्य श्री ने कहा आपका मरण तो पेट में आने से पहले ही शुरू हो गया था। जिस दिन मकान बनना शुरू होता है, उसी दिन से मकान गिरना शुरू हो जाता है, लेकिन जन्म और मरण को जन्म देने वाले का कभी मरण नही होता वह अविनश्वर है, अजर अमर है, वहीं अम्रत है, वही वास्तविक रूप है इसे आपको पाना है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी
