पोहरी: मध्यप्रदेश की राजनीति की चाणक्य कहे जाने वाले और हमेशा ही अपने बयानों से मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उपचुनाव में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं । दिग्गी को पीसीसी चीफ कमलनाथ ने घर बिठा दिया है या फिर वे खुद ही घर में कैद होकर बैठ गए हैं, वैसे राजनीतिक गलियारों में मिथक है कि दिग्विजय सिंह का चुनावी समर में शामिल होना जितना कांग्रेस को फायदा नहीं पहुंचा पाता है उससे कहीं अधिक भाजपा खुश होती है, माना जाता है कि जिन क्षेत्रों में दिग्विजय सिंह कांग्रेस का प्रचार करते हैं उस क्षेत्र में भाजपा को अधिक फायदा होता है ।
इस बार का उपचुनाव अन्य आम चुनाव और उपचुनाव से अलग है क्योंकि कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का हाथ झटककर भाजपा में शामिल हो गए हैं इसलिए कांग्रेस न केवल कार्यकर्ताओं की कमी से जूझ रही है बल्कि नेताओं की कमी भी चुनाव प्रचार के दौरान देखी जा रही है । भाजपा के पास नेताओं की फौज है, मध्यप्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेता भी सिंधियाई प्रत्याशियों के लिए मोर्चा संभाल रहे हैं,बूथ लेबल का कार्यकर्ता पसीना बहा रहे हैं लेकिन कांग्रेस के दिग्गी राजा कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं हालांकि दिग्गी राजा ट्विटर पर भाजपा को घेरने और चुनाव आयोग में आचार संहिता उलंघन पर नज़र रखे हुए हैं और समय समय पर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाते देखे जा सकते हैं लेकिन सवाल तो बना हुआ है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि इस संकट की घड़ी में दिग्गी राजा कहाँ है ।
