बांसवाड़ा -तलवार शब्दो पर हुकुमत नही कर पाती, लेकिन कलम तलवार को अपने नियंत्रण मे रखना जानती है। आचार्य श्री पुलक़ सागर जी महाराज ने कहा एक तलवार से कुछ सीमित लोगों को डराया जा सकता है, मगर शब्दो से असंख्य पर हुकूमत की जा सकती है।
आचार्य ने कहा माना तलवार से चोट हो सकती है,मगर इसके जख्म भर सकते है।तलवार तो सिर्फ शरीर पर वार करती है, लेकिन कलम की मार सीधे मस्तिष्क से होते हुए सीधे दिल को प्रभावित करती है। तलवार हिंसा का प्रतीक है, जबकि कलम अहिंसा का स्वरूप है। तलवार का असर समाज पर कुछ वर्षों तक रहेगा, लेकिन कलम का असर स्थाई और व्यापक होता है। उन्होनें कहा अब यह कलमकार पर निर्भर करता है कि वह कलम के मान सम्मान स्वाभिमान की किस हद तक रक्षा कर पाता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी
