बांसवाड़ा-बाहुबली कॉलोनी में विराजित गणिनी आर्यिका 105सुप्रकाशमति माताजी ने अपने प्रवचन में बताया कि कोई भी स्थान का नाम उसमें रहने वाले लोगों की वजह से नहीं होता है, बल्कि आज बाहुबली कॉलोनी का नाम यहां रहने वाले लोगों की भक्ति भावनाओं की वजह से हुआ है। इंसान को अपने जीवन के दिन की शुरुआत प्रभु की प्रार्थना से करनी चाहिए, प्रार्थना किसके लिए करें, तो इसके तीन बिंदु होता है- स्वयं के लिए, अपनों के लिए, गैरों के लिए। स्वयं के लिए प्रार्थना हर व्यक्ति करता है, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हम अपने और अपनों के लिए तो प्रार्थना करते हैं, लेकिन गैरों के लिए करना बहुत कठिन है। गैरों के लिए प्रार्थना कौन करता है, जैन आचार्य संत महापुरुष हमेशा औराें के लिए प्रार्थना करते हैं। जो इस देश में रहने वाला है यती है, सामान्य है, तपो के धनी है। अभी कोरोना महामारी में व्यक्ति स्वयं का ही नहीं पूरे देश के लिए प्रार्थना करें कि यह बीमारी मुझे ही नहीं किसी को ना हो। प्रार्थना में इतनी शक्ति होती है कि व्यक्ति कहीं पर भी हो वो प्रार्थना पहुंच जाती है, मगर प्रार्थना मन से की गई हो तभी। प्रार्थना साकार होती हैं मैं सुखी रहूं और दूसरे भी सुखी रहे। जियो और जीने दो वाला उद्देश्य हर व्यक्ति, हर मनुष्य में हो। अखिल भारतीय सुप्रकाशमती ज्योति मंच के प्रवक्ता महेंद्र कवालिया का उनके द्वारा साधु संतों के प्रवचन को मीडिया तक पहुंचाने के लिए किए गए कार्यों के लिए समाज के अध्यक्ष महेंद्र वोहरा एवं कमेटी द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री महिपाल शाह एवं पाद प्रक्षालन अर्ग समर्पित अध्यक्ष महेंद्र वोहरा, रेवाचंद, हेमंत सेठ ने किया। माताजी गुरुवार सुबह 7 बजे राजराजेश्वर कॉलोनी के लिए विहार करेंगी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
