भोपाल-जीवन को सरल बनाना है तो तटस्थ रहने की प्रक्रिया अपनानी होगी। जीवन में भटकाव हर उम्र में हर व्यक्ति के लिए आता है, पर जीवन सफल तब होगा जब हम भटकाव में उचित मार्ग ढूंढ कर जीवन की दशा और दिशा सफलता की ओर अग्रसर करे। यह विचार ऐलक विवेकानंद सागर जी महाराज ने नेमीनाथ दिगंबर जैन मंदिर करोंद में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमें प्रतिक्रिया से बचना चाहिए। सुखद व समृद्ध जीवन का सूत्र देते हुए ऐलकश्री ने कहा कि इष्ट के सहयोग में अनिष्ट के वियोग में मन को स्थिर रखें, धर्म यही सिखाता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी
