शिव सन्मति गोशाला का शिलान्यास आज
खमेरा -शिव सन्मति गोशाला का शिलान्यास गुरुवार को तपस्वी सम्राट आचार्य 108 श्री सन्मति सागरजी महाराज के शिष्य चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज एवं विश्व हिंदू परिषद के श्री रामस्वरूप जी महाराज भारत माता मंदिर बांसवाड़ा के सान्निध्य में होगा। आचार्य श्री का मंगल प्रवचन सुबह 7 बजे गोपेश्वर महादेव रोड पर विद्या निकेतन विद्यालय के पास होगा कार्यक्रम का आयोजन शिव भगत मित्र मंडल खमेरा की ओर से किया जा रहा है।
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श्री शांतिनाथ भगवान दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ससंघ के सान्निध्य में आयोजित 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति अनुष्ठान के तहत बुधवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ने कहा कि व्यक्ति को यथा संभव दान करना चाहिए। जो दान देता है उसे इस भव में सम्मान और पर भव में भगवान मिलता है। व्यापार से घर में धन बढ़ जाए तो उसका सदुपयोग करते रहना चाहिए। इकट्ठा नहीं करना चाहिए। जैसे नाव में पानी भरने लगे तो बुद्धिमानी इसी में है कि दोनों हाथ से पानी को बाहर फेंकते जाना चाहिए वरना नाव में पानी भरा रहा तो नाव डूब जाएगी। इसी तरह से धन को भी दबाकर रखा तो जंग लगेगा और दान किया तो संग लगेगा। सुपात्र दिखाई दे तो जरूर दान करें। अपने पास रखी संपत्ति अगर चाहते हो कि परलोक में भी मिले तो, अभी दान में किया गया डिपॉजिट फिर आगे स्वर्ग में भोग भूमि के सुख में लगेगा। जैसे आपको विदेश यात्रा करनी हो तो इंडियन करेंसी को कन्वर्ट करके विदेश में उपयोग कर सकते हैं साथ ले जा सकते हैं वैसे ही अपनी संपत्ति को दान पुण्य में कन्वर्ट करना, जिससे यहां का दान भव पर आपके काम में आ जाए। दान में सामाजिक समरसता बढ़ती है, उदारता बढ़ती है। कंजूसों से तो समाज दरिद्र ही कहलाता है। घर में पड़ा हो और दान की भावना न बने वहां कंजूस दरिद्री कहलाती है। जितना बोला है इतना तुरंत देना, अभी की भावना रखें। दान देने से आत्मा का परिग्रह हल्का होता है संतोष धारण करें, जितना प्राप्त है अगर पर्याप्त है तो फिर परिग्रह मत पालो। दान के बोए बीज भव भव तत्कालीन होते हैं। भविष्य को पंगु मत बनाओ। इसलिए उपकार की सद्भावना बनाए रखना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
