मुनि बनकर ही मुक्ति की प्राप्ति होगी मुनि श्रीभगवान चंद्रप्रभु का मोक्ष कल्याणक मनाया

रुठियाई-आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु का मोक्ष कल्याणक शनिवार को भक्तिभाव से मनाया गया। जैन मिलन प्रचार मंत्री अमित जैन ने बताया कि रुठियाई नगर में 150 वर्ष से अधिक प्राचीन 1008 श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 पदम सागर जी एव मुनि श्री विश्वसागर जी महाराज के सानिध्य में प्रथम बार हर्ष और उल्लास के साथ श्री 1008 चन्द्रप्रभु भगवान का निर्वाण महोत्सव मनाया गया। सुबह 7 बजे से मंगलाष्टक अभिषेक, शांतिधारा पूजन, निर्वाण कांड, निर्वाण लाडू के साथ सम्पन्न हुआ। इसअवसर पर मुनि श्री पदम सागर जी महाराज ने चन्द प्रभु भगवान के जीवन चरित्र से संबंधित अनेक प्रसंगों को लेकर मंगल प्रवचन दिए।
व्रत-नियम से मुक्ति प्राप्त करें
मोक्ष कल्याणक के विषय में कहा संपूर्ण परिग्रहों से रहित निर्गत अवस्था को धारण करके ही शाश्वत सुख की प्राप्ति होती है। चूंकि पंचम काल हुण्डा अवसर्पिजीकाल मे मोक्ष मिलने वाला नहीं ये बात सभी के दिल और दिमाग में घुमती है। शांति सागर जी महाराज का संस्मरण सुनाते हुए कहा किसी व्यक्ति ने प्रश्न किया कि आप इतनी तपस्या क्यों कर रहे उन्होंने कहा कि पंचम काल मे संयम का बीजारोपण करेंगे। जब जाकर चतुर्थ काल में वृक्ष का रूप धारण करके फलीभूत होगा और मुनि बनकर मुक्ति को प्राप्त होगा। भले ही आज मुक्ति नही लेकिन व्रत नियम संयम के माध्यम से कर्म निर्जरा करके चतुर्थ काल में मुक्ति को प्राप्त होंगे। आप सभी यही भावना भाये की हम भक्ति पूजन करके व्रत नियम संयम के माध्यम से मुक्ति प्राप्त करें।
           संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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