शिखरजी की वंदना करते समय प्लास्टिक की वस्तु का उपयोग न करें: आर्यिका विज्ञान मति माताजी

टीकमगढ़-शहर की नंदीश्वर कॉलोनी में अष्टानिका महापर्व के अवसर पर निर्माणाधीन आदिनाथ धाम में आर्यिका 105 विज्ञानमति माताजी , आदित्यमती माताजी सहित 10 आर्यिका माताजी  के सानिध्य में सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है। प्रदीप जैन बम्होरी ने बताया कि रविवार को सिद्धचक्र विधान के आठवें एवं अंतिम दिन मंडप पर 1024 अर्घ समर्पित किए गए। सिद्धचक्र महामंडल विधान की समस्त धार्मिक क्रियाएं बाल ब्रह्मचारी संजय भैया मुरैना द्वारा संपन्न कराई जा रही हैं।
ब्रह्मचारी संजय भैया ने शिखर सम्मेद पर्वत को साफ स्वच्छ रखने माताजी के समक्ष अपनी बात रखी। माताजी ने सभी को प्रतिज्ञा दिलाई कि कोई भी व्यक्ति शिखरजी पर्वत की वंदना करते समय पर्वत पर किसी भी प्रकार की प्लास्टिक की वस्तु जैसे पॉलीथीन, पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक की बोतल, प्लास्टिक गिलास आदि का विशेष परिस्थिति को छोड़कर उपयोग नहीं करेगा। जिससे हम पर्यावरण की रक्षा कर सकें। पर्वतों पर रहने वाले पशु-पक्षी अनजाने में पॉलीथीन में रखी खाद्य सामग्री के साथ निगल लेते हैं। कई बार उनकी मृत्यु तक हो जाती है। इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ इस मृत्यु के दोष से भी बचना है। माताजी ने कहा कि जितना बन सके एक ही बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक का उपयोग करने से बचें। घर में जो खाद्य सामग्री सब्जी आदि बचती है, उसको पॉलीथीन में रख के नहीं फेंकें। इससे हम पर्यावरण के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की रक्षा कर सकें। प्रवचन के बाद विधान में शामिल पात्रों का कमेटी द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुरली मनोहर जैन द्वारा किया गया।
भक्तांबर में 48 काव्यों पर अर्घ किया समर्पित
आर्यिका विज्ञानमति माताजी सानिध्य  मे दोपहर 3 बजे से भक्तांबर विधान किया गया। भक्तांबर विधान में भक्तांबर के 48 काव्यों के अर्घ समर्पित किए गए। आर्यिका विज्ञानमति माताजी द्वारा भक्तांबर के 48 काव्य का अर्थ समझाया गया। सोमवार को सुबह विश्व शांति महायज्ञ हवन किया जाएगा। दोपहर में 3 बजे से शांतिनाथ विधान माताजी संघ द्वारा कराया जाएगा। महायज्ञ के साथ आयोजन का समापन होगा।
                    संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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