प्रतापगढ़-भगवान बनने के लिए श्रीराम की तरह मर्यादा पालनी पड़ती है। यदि कोई नीति समाज के विरुद्ध हो तो फिर कर्तव्य को करते हुए बाण भी चलाएं। हमारे सामने आने से गाय डरती है, लेकिन जहां श्रीकृष्ण खड़े हो जाएं वहां गायें इकट्ठे हो जाती थी। हमारा व्यवहार ऐसा हो कि कोई भी हमसे डरे नहीं। भगवान महावीर का चित्र देखे तो अहिंसा का दृश्य, शेर और गाय एक ही घाट पर पानी पी रहे हैं। व्यवहार ऐसा हो कि कोई दुश्मन ना रहे। सभी जीवों के कल्याण की भावना हो। सबको स्नेह बांटना यही संत की प्रवृत्ति है। संत का व्यवहार ही विरोध मिटाने वाला होता है। जो स्वयं घास खाकर, सोने के समान दूध देती है वह गौ माता ही है। आयुर्वेद में भी गाय के घी के अनेक लाभ बताए गए है।
आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ससंघ एवं संत श्री रामस्वरूप जी महाराज के सान्निध्य में गुरुवार काे खमेरा में शिव सन्मति गौशाला का शुभारंभ
आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ससंघ एवं संत श्री रामस्वरूप जी महाराज के सान्निध्य में गुरुवार काे खमेरा में शिव सन्मति गौशाला का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर गोरक्षा को लेकर आचार्य श्री ने कहा कि केवल गौ शाला से गाय का पालन नहीं हो पाएगा। हर गांव हर घर में गाय का पालन हो। पहले हर घर में गाय पाली जाती थी, आज कुत्ते पाले जाते हैं। यह हमारी संस्कृति नहीं है। गांव में भटकते बिछड़े पशु गाय को सुरक्षित रखने के लिए उसे गौशाला में भेजें। केवल गौ माता की जय बोलने से कुछ नहीं होगा। यदि गाय नहीं होंगी तो गोपाल कहां से होंगे। देश में कत्ल खानाें और गाय की हत्या पर रोक लगनी चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार ऐसे हिंसक उद्योग के लिए अनुदान न दें। आज रामराज्य वापस आए न आए लेकिन अयोध्या का मूल स्वरूप पुनः आया यह बड़ी उपलब्धि है। आज सभी रामराज्य की कल्पना करते हैं, आखिर एसा क्या था जो आज भी लाेग याद करते हैं। जहां अहिंसा, दया, करुणा होना चाहिए, वहां आतंकवाद जैसा गंभीर वातावरण शोभा नहीं देता। व्यक्ति अपने कार्यों से महान बनता है केवल मंदिर ही नहीं बनाने हैं, वरन संस्कृति की रक्षा के लिए भी खड़े रहना है। गांव-गांव अक्षय पात्र, गौ शाला, विद्या निकेतन की योजनाएं बढ़ें ताकि समृद्ध समाज आगे आए। नैतिक संस्कृति की बड़ी आवश्यकता है। जब गाय नहीं होगी वहां गोपाल कैसे होंगे, जो घास खाकर भी दूध अमृत देती है। केवल दूध ही नहीं उसका तो गोबर भी खाद का काम करता है। लोग बेवकूफी करते हैं जो खेती में जहरीली खाद डालकर जीवों की हत्या करते हैं। हमारे देश की रूढ़िया भी कोई पोंगा पंथी नहीं। कुछ ना कुछ तथ्य जरूर होता है। मनुष्य को वरदान है कि पुरुषार्थ करे तो भगवान बन जाए और नालायकी ही करे तो शैतान बन जाए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
