व्यक्ति के जीवन में जब तक शब्द का अहंकार चढ़ा हुआ है तब तक नाश ही नाश होगा : आचार्य सुंदरसागर जी

बड़ोदिया-कस्बे के जैन मंदिर में भगवान श्री आदिनाथ का जन्म कल्याणक मनाने को लेकर आचार्य संघ को श्रीफल भेंट किया। समाज के कमलेश दोसी, मोहित तलाटी ने बताया कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर बड़ोदिया के मूलनायक भगवान श्री आदिनाथ का जन्मोत्सव 5 अप्रेल को मनाया जाएगा। जिसमें जन्मोत्सव के इस आयोजन मे आचार्य संघ का सान्निध्य मिले उसके लिए दिगंबर जैन के पंचों में जीत मल तलाटी, सुरेशचंद्र तलाटी, केसरीमल खोडणिया, कांतिलाल खोडणिया, मगनलाल खोडणिया, अमृतलाल खोडणिया, सोहनलाल दोसी, बसंतलाल खोडणिया, राजेन्द्र खोडणिया, सकल जैन समाज के लोगो ने मिलकर वात्सल्य सम्राट आचार्य श्री सुन्दर सागर जी महाराज को श्रीफल भेंट कर बड़ोदिया जैन मंदिर मे आयोजित मूल नायक भगवान श्री आदिनाथ का उस दिन होने वाला महा मस्तकाभिषेक तथा निकलने वाली शोभायात्रा मे शामिल होने, धर्मोपदेश देने का विशेष निवेदन किया।
 स्व ओर पर की पहचान करो  धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री सुंदर सागर जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति के जीवन मे जब तक में शब्द का अहंकार चढ़ा हुआ है तब तक नाश ही नाश होगा। आज हर जगह व्यक्ति में शब्द मे ही जैसे मे इतना बडा सेठ हुं, मेरा परिवार, मेरा बेटा पत्नि, मेरा धन, मेरा व्यापार इन सब के आसपास ही पुरा जीवन निकाल देता है परंतु अभिमान से भरा व्यक्ति यह बात सोचने का प्रयास नही करता है कि यह मेरा संसार का रिश्ता, भौतिक सुख सुविधा क्षणिक मात्र है जो कभी भी नाशवान हो सकती है। उन्होंने कहा कि ये जो में शब्द के आवरण से ढके हुए हो उससे बाहर निकलो ओर निरंतर स्वाध्याय कर स्व ओर पर की पहचान करो । 
                  संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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