आयुष्मान कार्डधारी का इलाज करने से मना करने पर अस्पतालों पर होगी कार्रवाई : कलेक्टर




भोपाल। जिले के सभी 110 कोविड अस्पतालों में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए थे। इन्‍हें सोमवार को कलेक्‍टर अविनाश लवानिया ने निर्देश दिए है कि वे उन्‍हें जो अस्‍पताल आवंटित किए गए है वहां के डॉक्‍टर से यह लिख‍ित में लें कि वे आयुष्‍मान भारत योजना का लाभ अपने अस्‍पताल में दे रहे है। सात मई के बाद से हर आयुष्‍मानकार्ड धारी मरीज का उपचार किया जा रहा है। वहीं जो मरीज पहले से भर्ती है और अगर वे आयुष्‍मान कार्डधारक है जो उनका उपचार सात मई से किया जाए। ऐसा करने के पीछे प्रशासन की मंशा है कि भविष्‍य में अगर इन अस्‍पतालों की शिकायतें आती है कि वे आयुष्‍मान कार्ड वाले मरीजों का उपचार करने से मना कर रहे है तो इन अस्‍पतालों पर कार्रवाई की जाएगी



दरअसल, सभी आरआई और पटवारियों को भी इस तरह के निर्देश जारी किए गए है। बता दें कि विगत दिनों अस्‍पतालों में इस योजना का लाभ दिलाए जाने के लिए हर अस्‍पताल में नोडल अधिकारी नियुक्‍ति किए गए थे। जिनका काम सभी अधिकारी प्रतिदिन अस्पतालों से अपडेट लेना और लगातार अस्पताल के भर्ती रजिस्टर चेक करना था। वहीं इन सभी अस्पतालों में बनाए गए आयुष्मान मित्र डेस्क का भी डाटा लेंगे और प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारी को देने के लिए कहा गया था। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भोपाल द्वारा जारी आदेश में सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि चिकित्सालय में आयुष्मान भारत निरामय मध्यप्रदेश योजना को सफल बनाए जाने के लिए कोविड-19 से संक्रमित और संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्था करें।

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