सागर-आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का विहार नेमावर से लगातार चल रहा है। पांचवें दिन 10 किलोमीटर चलकर आचार्यश्री सीहोर जिले में रेहटी नगर के नजदीक सतराना पहुंचे। यहीं पर उन्होंने रात्रि विश्राम किया। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्यश्री के साथ निर्यापक मुनिश्री योगसागर महाराज सहित 10 मुनि महराज विहार कर रहे हैं। सागर जैन समाज के भी लगभग दो दर्जन सदस्य इस समय विहार में साथ हैं। रविवार को सागर से लगभग 100 से अधिक श्रद्धालु विहार में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। सभी श्रद्धालु सामूहिक रूप से आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर सागर में चातुर्मास के लिए निवेदन करेंगे। 28 जून को आचार्य संघ का रास्ता तय हो जाने की संभावना है कि वे सागर आ रहे हैं या जबलपुर की ओर विहार करेंगे। 22 जून को दोपहर में आचार्य संघ का नेमावर से विहार हुआ था। 5 दिन में आचार्यश्री ने 57 किलोमीटर का पैदल अब तक कर लिया है। गौरतलब है कि वर्षाकालीन चातुर्मास की कलश स्थापना इस वर्ष 23 जुलाई तक होना है। इसके लिए सभी नगरों में तैयारियां चल रही हैं। सभी मुनि संघ और आर्यिका संघों के विहार भी अपने-अपने गंतव्य की ओर चल रहे हैं।
पिछले 5 वर्षों से सागर में आचार्यश्री का वर्षा कालीन चातुर्मास अलग-अलग कारणों से नहीं हो पाया है। 2016 में आचार्य श्री कुंडलपुर से विहार कर 1 जुलाई को सागर पहुंचे थे और 9 जुलाई को अचानक विहार कर 18 जुलाई को भोपाल पहुंचे थे और कलश स्थापना की थी। 2017 में रामटेक, 2018 में खजुराहो, 2019 में नेमावर और 2020 में इंदौर में आचार्यश्री का चातुर्मास हुआ था। इस वर्ष 2021 में आचार्यश्री का चातुर्मास कहां होगा, यह अभी निश्चित नहीं है। यदि सागर में चातुर्मास होता है तो उसका एक बड़ा कारण यह भी है कि सागर में आचार्यश्री के आशीर्वाद से बन रहे चतुर्मुखी सर्वतो भद्र जिनालय के निर्माण कार्य में और तेजी आ जाएगी। तीन खंड का यह मंदिर जिसमें 324 प्रतिमाएं विराजमान होना है, उसका निर्माण भुज मकराना के पीले पत्थर से हो रहा है। वर्तमान में इस मंदिर का पहला खंड लगभग पूर्णता की ओर है। पहले खंड की ऊंचाई 30.9 फीट है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
